सड़क पर पानी, घरों से निकलना मुश्किल
इटवा को नगर निकाय का दर्जा मिला तो नागरिकों को उम्मीद बंधी है कि अब वह शहरी क्षेत्र में आ गए हैं ऐसे में मूलभूत सुविधाएं आसान हो जाएंगी। परंतु डेढ़ वर्ष से अधिक का समय बीत गया। लोगों की आस अभी तक पूरी नहीं हो सकी है। सर्वाधिक समस्या जलजमाव की है।
सिद्धार्थनगर : इटवा को नगर निकाय का दर्जा मिला तो नागरिकों को उम्मीद बंधी है कि अब वह शहरी क्षेत्र में आ गए हैं, ऐसे में मूलभूत सुविधाएं आसान हो जाएंगी। परंतु डेढ़ वर्ष से अधिक का समय बीत गया। लोगों की आस अभी तक पूरी नहीं हो सकी है। सर्वाधिक समस्या जलजमाव की है। नगर मुख्यालय स्थित जामा मस्जिद के मार्ग पर चले जाएं तो यहां तालाब जैसा दृश्य दिखाई देगा। राहगीरों का आवागमन कठिन रहता है तो मोहल्ले के लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है।
बारिश होने पर वैसे तो नगर में जगह-जगह जलजमाव की दिक्कतें हैं। इटवा-डुमरियागंज, बांसी, बिस्कोहर सभी प्रमुख जगहों पर जलजमाव रहता है। लेकिन सबसे नारकीय स्थिति मस्जिद के मार्ग की है। यहां महीनों से सड़क गड्ढों में तब्दील है तो जल निकासी की कोई सुविधा नहीं है। हल्की बारिश में सड़क पानी में डूब जाती है। किसी को इस मार्ग से निकलना होता है तो पानी में घुसकर जाना पड़ता है। कीचड़ से भी दुश्वारियां पैदा होती है। कब कोई दुर्घटना का शिकार हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता है। किसी की मोटर साइकिल या स्कूटी इसमें फंस जाती है, तो चालक को औरों का सहारा लेकर से बाहर निकालना पड़ता है। इसके अलावा गंदगी भी ऐसी फैली हुई है, कि उसकी बदबू से आसपास के लोगों का सुकून छिना रहता है।
शिव कुमार वर्मा, रिजवान अहमद सिद्दीकी, इंद्रसेन सोनी ने कहा कि पूरे नगर में जलजमाव की समस्या विकट बनी हुई है। मस्जिद के मार्ग की हालत बद से बदतर है। व्यापार मंडल की ओर से एसडीएम को ज्ञापन भी दिया गया है, जिससे समस्या का स्थायी समाधान हो सके।
उपजिलाधिकारी उत्कर्ष श्रीवास्तव ने बताया कि समस्या संज्ञान में है। व्यापार मंडल की ओर से ज्ञापन भी मिला है। आज ही नगर पंचायत के कर्मचारियों को मौके पर भेजा गया है। जल निकासी कराई जा रही है। बरसात के बाद स्थायी समाधान कराया जाएगा।