गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था अब होगी स्थायी, कमांडो यूनिट भी होगी स्थापित

एडीजी अखिल कुमार ने नये सिरे से मंदिर सुरक्षा का प्लान तैयार किया है। मंदिर सुरक्षा को लेकर पुलिसकर्मी अब अटैच नहीं किए जाएंगे बल्कि मंदिर परिसर में ही उनकी पोस्टिंग होगी। ताकि उनका वेतन भी वहीं से ड्रा हो।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 10 Jun 2021 09:45 AM (IST) Updated:Thu, 10 Jun 2021 05:16 PM (IST)
गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था अब होगी स्थायी, कमांडो यूनिट भी होगी स्थापित
गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर का फाइल फोटो, जागरण।

गोरखपुर, जेएनएन। गोरखनाथ मंदिर व सीएम योगी आदित्यनाथ के आवास की सुरक्षा को लेकर एक नये सिरे से प्लान तैयार किया गया है। यहां अब सुरक्षा के लिए पुलिस कर्मी अटैच नहीं, बल्कि पोस्ट किये जाएंगे। आतंकी घटनाओं को ध्यान में रखते हुए मंदिर परिसर में ही एक कमांडों यूनिट स्थापित होगी। मंदिर परिसर में तैनात किये जाने वाले पुलिस कर्मी हैंड हेल्ड मेटल डिटेक्टर, डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर, बम निरोधक दस्ता आदि से लैस होंगे। ताकि मंदिर परिसर, एम्स, फर्टीलाइजर की सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम रहे।

बैरक व भवन के लिए भी प्रस्ताव तैयार कर रही है पुलिस

एडीजी अखिल कुमार ने नये सिरे से मंदिर सुरक्षा का प्लान तैयार किया है। मंदिर सुरक्षा को लेकर पुलिसकर्मी अब अटैच नहीं किए जाएंगे, बल्कि मंदिर परिसर में ही उनकी पोस्टिंग होगी। ताकि उनका वेतन भी वहीं से ड्रा हो। कमांडो यूनिट स्थापित करने के लिए एडीजी ने एसएसपी दिनेश कुमार प्रभु से प्रस्ताव मांगा है। एडीजी का कहना है कि गोरखपुर में मंदिर के अलावा एम्स, फर्टिलाइजर भी है। ऐसे में आने वाले दिनों में यहां भीड़ भी बढ़ेगी। आतंकी वारदातों को लेकर भी पुलिस को चौकस रहना होगा। कमांडों यूनिट रहने से किसी भी स्पाट पर पहुंचने में अधिक वक्त नहीं लगेगा, जबकि लखनऊ से कमांडोज को आने में समय लगेगा। परिसर की सुरक्षा में तैनात पुलिसकॢमयों की मानिटरिंग अब अपर पुलिस अधीक्षक के समकक्ष अधिकारी से कराई जाएगी। वर्तमान में सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी का कार्य सीओ के स्तर से होता है। आवास की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों को परिसर के बाहर एक बहुमंजिला भवन में रखने के लिए शासन से अनुमति मांगी गयी हैं। इसे लेकर कुछ मकान भी खाली कराए जा रहे हैं। बहुत से मकान मालिकों ने मकान खाली करने के लिए प्रशासन को सहमति पत्र भी दे दिया है।

अतीत में हो चुकी हैं आतंकी घटनाएं

वर्ष 1993 में मेनका टाकिज में बम विस्फोट व 2007 में गोलघर में सीरियल बम ब्लास्ट के बाद से गोरखपुर में आतंकी गतिविधियों से इंकार नहीं किया जा सकता है। परिसर में अभी सौ सीसी टीवी कैमरे व नौ वाच टावर पहले से लगे हैं, अब इसकी संख्या बढ़ाये जाने की तैयारी चल रही है। मंदिर परिसर के मुख्य द्वार के सामने पुरानी स्थित पुलिस चौकी को ध्वस्त कर नये सिरे से भवन का निर्माण कराया जाएगा। वर्तमान में दो कंपनी एक प्लांटून पीएसी, 135 कांस्टेबल, 140 होमगार्ड़ सहित कुल छह सौ पुलिसकर्मी सुरक्षा में लगे हैं। परिसर में फायर ब्रिगेड की एक यूनिट भी स्थापित होगी। एडीजी का कहना है प्रशासन बैरक व अन्य भवनों के लिए भूमि की व्यवस्था कर रहा है। भूमि मिलते ही वहां निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। गोरखनाथ मंदिर के अलावा सभी पुलिस कप्तानों को निर्देशित किया गया है। अपने जिले के धार्मिक व पर्यटकीय स्थलों के सुरक्षा को लेकर एक प्लान तैयार करके उनके पास भेजें।

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