आठ हजार मोबाइल नंबरों में छिपा है अपहरण का राज, राप्तीसागर एक्सप्रेस से हुआ था बच्चे का अपहरण
राप्तीसागर एक्सप्रेस से अपहृत हुए बच्चे की तलाश के लिए जीआरपी सर्विलांस की मदद से छानबीन में जुटी है। जीआरपी को आठ मोबाइल नंबर मिले हैं जो ट्रेन के मुजफ्फरपुर देवरिया और गोरखपुर पहुंचने पर एक्टिव थे। जिसके जरिए अपहर्ता तक पहुंचने की कोशिश चल रही है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। राप्तीसागर एक्सप्रेस से अपहृत हुए बच्चे का 53 दिन बाद भी पता नहीं चला है। सर्विलांस की मदद से छानबीन में जुटी जीआरपी को आठ मोबाइल नंबर मिले हैं जो ट्रेन के मुजफ्फरपुर, देवरिया और गोरखपुर पहुंचने पर एक्टिव थे। जिसके जरिए अपहर्ता तक पहुंचने की कोशिश चल रही है।
ट्रेन से हुआ था बच्चे का अपहरण
मधुबनी (बिहार) के गोरहर, पारा निवासी बिट्टू ठाकुर आठ जून को पत्नी छोटी देवी, चार साल के बेटे अंकुश, दो साल की बेटी आयुषी और रिश्तेदारों के साथ राप्तीसागर एक्सप्रेस से मजदूरी करने केरल जाने के लिए निकले थे।सभी लोग ट्रेन के कोच संख्या एस 11 में सीट नंबर 9, 11 और 12 पर बैठे थे। मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन पर एक महिला आकर पास बैठी। अगले दिन भोर में ट्रेन के गोरखपुर पहुंचने पर अंकुश को अपने साथ लेकर महिला ट्रेन से उतर गयी। खोजबीन के बाद स्वजन ने गोरखपुर जीआरपी थाने में अपहरण का केस दर्ज कराया है। प्रभारी निरीक्षक जीआरपी थाना गोरखपुर उपेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि बच्चे की तलाश चल रही है। छानबीन में कुछ सुराग हाथ लगा है।
तलाश में मुजफ्फपुर, केरल व तमिलनाडु गयी थी टीम
राप्तीसागर एक्सप्रेस से अपहृत हुए बच्चे की तलाश में जीआरपी की टीम मुजफ्फरपुर के अलावा केरल व तमिलनाडु गई थी। 15 दिन खोजबीन करने के बाद कुछ पता न चलने पर टीम लौट आयी। गोरखपुर, देवरिया के साथ ही मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन पर लगे सीसी कैमरे की फुटेज देखने पर भी कोई जानकारी नहीं मिली।
एनडीपीएस एक्ट में युवक गिरफ्तार
प्रभारी निरीक्षक राजघाट और उनकी टीम ने मुखबिर की सूचना पर हर्वटबन्धा से शाहपुर थाना क्षेत्र के घोसीपुरवा निवासी एजाज अहमद को गिरफ्तार किया। पुलिस ने उसके पास से 12.18 ग्राम स्मैक बरामद किया है। राजघाट पुलिस ने उसके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज कर उसे कोर्ट में पेश किया जहां से जेल भेज दिया गया।