आठ सौ मीटर बढ़ गया इस शहर का दायरा, जानें- कैसे ? Gorakhpur News
गोरखपुर में एयरफोर्स ने नो कंस्ट्रक्शन जोन का दायरा ज्यादातर जगहों पर नौ सौ मीटर से घटाकर 100 मीटर कर दिया है। मकानों बनाने के लिए अब आठ सौ मीटर का दायरा बढ़ गया है।
गोरखपुर, जेएनएन। एयरपोर्ट के नजदीक अब घर बनाना न केवल आसान होगा, बल्कि पहले से बने मकान भी नक्शा पास होने के बाद पूरी तरह वैध हो जाएंगे। एयरफोर्स ने नो कंस्ट्रक्शन जोन का दायरा ज्यादातर जगहों पर 900 से घटाकर 100 मीटर कर दिया है। एयरफोर्स से एनओसी मिलने के बाद जीडीए ने इस दायरे में बने पांच हजार से अधिक मकानों का नक्शा पास करने की तैयारी शुरू कर दी है। जीडीए बोर्ड की इसी माह प्रस्तावित बैठक में इसकी स्वीकृति मिलने के बाद मानचित्र पास होना शुरू हो जाएगा।
आधा दर्जन कालोनियों को मिलेगी सीधी राहत
एयरफोर्स के आसपास स्थित सैनिक कुंज, सैनिक विहार, अवध विहार, पवन विहार समेत आधा दर्जन कालोनी ऐसी हैं, जिसमें बने लगभग पांच हजार मकान एयरफोर्स के 'नो कंस्ट्रक्शन जोन' दायरे में आने के चलते नक्शा पास न होने से अवैध श्रेणी में गिने जाते हैं। यही नहीं इन इलाकों में खाली पड़ी जमीनों पर भी निर्माण नहीं हो पा रहा था। एयरफोर्स से नो कंस्ट्रक्शन जोन के दायरे को कम करने को लेकर लंबे समय से बातचीत चल रही थी।
कुछ इलाकों में ही है नौ सौ मीटर तक 'नो कंस्ट्रक्शन जोन'
30 जुलाई को हुई जीडीए बोर्ड की बैठक में नो कंस्ट्रक्शन जोन को चिन्हित करने के साथ इस बात पर सहमति बनी थी कि 900 और 100 मीटर के इलाके को निर्धारित किया जाए। एयरफोर्स से रजामंदी मिलते ही नो कंस्ट्रक्शन जोन का दायरा बदल दिया जाएगा। जीडीए ने एयरफोर्स से पूछा था कि वह कहां तक नो कंस्ट्रक्शन जोन चाहते हैं। एयरफोर्स से जो रिपोर्ट प्राधिकरण को भेजी गई उसमें कुछ ही इलाकों को 900 मीटर प्रतिबंध के दायरे में दर्शाया गया। इसे बकायदा मानचित्र पर इंगित किया गया था। रिपोर्ट में कोई गड़बड़ी न हो, इसके लिए एहतियात बरतते हुए प्राधिकरण ने इलाके के हिसाब से दोबारा एयरफोर्स को रिपोर्ट भेजी।
जीडीए ने एयरफोर्स को भेजी रिपोर्ट
सचिव राम सिंह गौतम ने बताया कि 900 और 100 मीटर के दायरे में आने वाले इलाकों को मानचित्र में कलर करके एयरफोर्स को भेजा गया था। एयरफोर्स से दूसरी बार जो स्वीकृति पत्र मिला है उसमें हजारों मकान 100 मीटर के दायरे से बाहर हो जाएंगे। प्रतिबंध का दायरा बदलने की कवायद शुरू कर दी गई है। इसके बाद अब पांच हजार से अधिक मकान नक्शा पास होते ही वैध हो जाएंगे वहीं खाली जमीनों पर भी निर्माण हो सकेगा।