आसान होगी गांव से कस्बा और शहर की राह, गांवों तक पहुंचेगी प्राइवेट बसें
Bus Facility In Gorakhpur यातायात की दृष्टि से पिछड़े इन क्षेत्रों के गांवों तक अब प्राइवेट बसें चलेंगी। संभागीय परिवहन प्राधिकरण ने गोरखपुर मंडल स्थित देवरिया कुशीनगर और महराजगंज जनपद के 23 सड़क मार्ग को चिन्हित किया है जिनपर रोडवेज की बसें नहीं चलती हैं।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। देवरिया का बघौच घाट हो, महराजगंज का सिसवां बाजार, सिंदुरिया, झंझनपुर, फरेन्दा या कुशीनगर जनपद का कप्तानगंज। यातायात की दृष्टि से पिछड़े इन क्षेत्रों के गांवों तक अब प्राइवेट बसें चलेंगी। संभागीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) ने गोरखपुर मंडल स्थित देवरिया, कुशीनगर और महराजगंज जनपद के 23 सड़क मार्ग को चिन्हित किया है। जिनपर रोडवेज की बसें नहीं चलती हैं।
परमिट जारी करेगा परिवहन विभाग
इन मार्गों पर बसों को संचालित करने के लिए परिवहन विभाग परमिट जारी करेगा। साथ ही एक रूट पर कितनी बसें चलाई जाएंगी और किराया क्या होगा। इसका भी निर्धारण परिवहन विभाग एसोसिएशन के सहयोग से करेगा। बसों के परमिट जारी करने व आवेदन आदि की प्रक्रिया अगस्त से शुरू हो जाएगी। जानकारों के अनुसार वर्ष 2018 में भी आरटीए ने मंडल के कुछ रूटों पर प्राइवेट बसों को चलाने के हरी झंडी दी थी। वर्ष 2019 तक कुछ रूटों पर बसें चलीं लेकिन देश में कोरोना का संक्रमण बढ़ते ही यह व्यवस्था फाइलों में बंद हो गई। अब आम जनता की सहूलियत के लिए शासन ने इस व्यवस्था को फिर से लागू की है।
सर्वे के बाद चिन्हित किया रूट
संभागीय परिवहन प्राधिकरण की सचिव अनीता सिंह के अनुसार सर्वे के बाद इन मार्गों को चिन्हित किया गया है। निर्धारित रूटों पर बसों को चलाने को लेकर जल्द ही विभागीय प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इससे गांव के लोगों को राहत मिलेगी। उन्हें जिला व मंडल मुख्यालय पहुंचने में आसानी होगी। दरअसल, शहर और कस्बा से गांवों को जोड़ने वाले सड़क मार्गों पर रोडवेज की बसें नहीं चलती। इस मार्गों पर आवागमन में मुश्किल होती है। कुछ वाहन चलते हैं वे मनमाना किराया वसूलते हैं। दुर्घटना की आशंका भी बनी रहती है।
बिना वर्दी के दर्जन भर चालकों और परिचालकों पर लगा जुर्माना
परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक पीके तिवारी ने गुरुवार को रेलवे बस डिपो परिसर का निरीक्षण किया। इस दौरान दर्जन भर चालक-परिचालक बिना वर्दी के बस चलाते हुए पकड़े गए। मौके पर ही क्षेत्रीय प्रबंधक ने नियमानुसार जुर्माना लगा दिया। उन्होंने कहा कि ड्यूटी के दौरान वर्दी और कोविड प्रोटोकाल का पालन अनिवार्य है। दरअसल, लाख प्रयास के बाद भी रोडवेज के चालक-परिचालक न वर्दी पहन रहे और न प्रोटोकाल का पालन कर रहे हैं।