Railway News: ट्रेनों में बढ़ा कोरोना संक्रमण का खतरा, बच कर करें यात्रा Gorakhpur News

ट्रेनों में कंफर्म टिकट नहीं मिल रहा तो प्रवासी वेटिंग टिकट लेकर ही कोचों में बैठे जा रहे हैं। वे किसी तरह घर तो पहुंच जा रहे लेकिन इससे ट्रेनों में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। स्लीपर और जनरल (टूएस) की स्थिति सबसे खराब है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 09:02 AM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 09:02 AM (IST)
Railway News:  ट्रेनों में बढ़ा कोरोना संक्रमण का खतरा, बच कर करें यात्रा Gorakhpur News
ट्रेनों में भीड़ के कारण कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। - फाइल फोटो

गोरखपुर, जेएनएन। तेजी के साथ फैल रहे कोरोना संक्रमण, बंद हो रहे कल- कारखानों के चलते महाराष्ट्र और दिल्ली से पूर्वांचल और बिहार के प्रवासियों का पलायन और तेज हो गया है। ट्रेनों में कंफर्म टिकट नहीं मिल रहा तो प्रवासी वेटिंग टिकट लेकर ही कोचों में बैठे जा रहे हैं। वे किसी तरह घर तो पहुंच जा रहे, लेकिन इससे ट्रेनों में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। स्लीपर और जनरल (टूएस) की स्थिति सबसे खराब है। रेलवे बोर्ड टू एस में तो नो रूम कर दे रहा, लेकिन स्लीपर में पर्याप्त मात्रा में वेटिंग टिकट बुक कर रहा है।

ट्रेनों में कंफर्म टिकट नहीं मिल रहा तो वेटिंग टिकट लेकर ही कोचों में बैठ जा रहे यात्री

दिल्ली से आने वाली वैशाली, बिहार संपर्कक्रांति, संप्तक्रांति और सत्याग्रह एक्सप्रेस से बड़ी संख्या में वेटिंग टिकट वाले यात्री सफर कर रहे हैं। यही स्थिति मुंबई से आने वाली ट्रेनों की भी है। मंगलवार को सैकड़ों यात्री गोरखपुर में उतरे। सैकड़ों बिहार के लिए रवाना हो गए।

स्लीपर और टूएस श्रेणी की स्थिति सबसे खराब, दिल्ली से आने वाली ट्रेनों में 300 वेटिंग

दरअसल, महाराष्ट्र से रोजाना औसत दर्जन भर ट्रेनें गोरखपुर आ रही हैं। पर्याप्त स्पेशल ट्रेनों के बाद भी लोगों को कंफर्म टिकट नहीं मिल पा रहा। बुकिंग शुरू होते ही ट्रेनें पूरी तरह फुल हो जा रही हैं। मुंबई से आने वाली ट्रेनों के स्लीपर क्लास में 200 तथा दिल्ली से आने वाली ट्रेनों में 300 से ऊपर वेटिंग टिकट बन रहा है। कंफर्म टिकट वाले यात्री अपनी सीट या बर्थ पर बैठ ही रहे हैं। वेटिंग टिकट के यात्री भी जान जोखिम में डालकर कोचों में सवार हो जा रहे हैं। एक सीट पर एक की बजाए तीन लोग सफर कर रहे हैं। कोचों में धीरे-धीरे सामान्य दिनों की भीड़ वाली स्थिति बनती जा रही है। न स्टेशन पर कोई रोकने वाला है और न ट्रेन में पूछने वाला।

ट्रेनों से उतरने के बाद नहीं हो रही जांच

ट्रेनों से उतरने के बाद रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की कोरोना जांच भी नहीं हो पा रही है। गोरखपुर में सिर्फ महाराष्ट्र से ही रोजाना औसत दस हजार लोग पहुंच रहे हैं। लेकिन औसत 500 यात्रियों के कोरोना की जांच हो पा रही है। ट्रेन से उतरने के बाद सब अपने घर चले जा रहे हैं। जांच को लेकर न यात्री जाकरूक हो रहे हैं और न ही स्वास्थ्य महकमा चैतन्य हो पा रहा। कहीं कोई नोटिस लेने वाला नहीं है, सिर्फ खानापूरी ही हो रही है।

ट्रेनों में है सिर्फ कंफर्म टिकट पर यात्रा की अनुमति

कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए रेलवे बोर्ड ने पैसेंजर ट्रेनों (सवारी गाड़ियों) को छोड़कर सभी स्पेशल एक्सप्रेस ट्रेनों की सभी श्रेणियों में सिर्फ कंफर्म टिकट पर ही यात्रा की अनुमति दी है। कंफर्म टिकट वाले यात्रियों को ही स्टेशन पर प्रवेश की इजाजत दी जाती है। लेकिन दिल्ली में लाकडाउन लगने और महाराष्ट्र की स्थिति खराब होने के बाद रेलवे का यह प्रोटोकाल ट्रेनों में तार-तार हो रहा है।

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