गोरखपुर के सरकारी संस्‍थाएं उदासीन, आवासीय कालोनी में सहेजे जा रहे वर्षा जल Gorakhpur News

70 एकड़ में फैले पाम पैराडाइज में 25 फीसद पार्क व ग्रीनरी है। जहां भवन की छत से लेकर पार्क तक सबका पानी भू-गर्भ तक शुद्ध पहुंचाने की व्यवस्था है। इसके लिए पूरे परिसर में 50 रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट बनाए गए हैं।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 04:11 PM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 04:11 PM (IST)
गोरखपुर के सरकारी संस्‍थाएं उदासीन, आवासीय कालोनी में सहेजे जा रहे वर्षा जल Gorakhpur News
पाम पैराडाउज में बने वर्षा जल संचयन के लिए चैम्बर। जागरण

गोरखपुर, जेएनएन। वर्षा जल संचयन को लेकर सरकारी संस्थाएं भले ही उदासीन बनी हुई हैं, लेकिन शहर की निजी संस्थाएं व आवासीय कालोनियां इसमें बढ़-चढ़कर भागीदारी निभा रहीं हैं। इन्हीं में से एक शहर के देवरिया बाईपास रोड स्थित पाम पैराडाइज टाउनशिप। यहां पिछले एक साल से रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के जरिए पानी की एक-एक बूंद सहेजी जा रही है। पानी का संचय कर न सिर्फ जल की बर्बादी रोकी जाती है बल्कि इसे स्वच्‍छ कर भू-गर्भ तक पहुंचाया जाता है। ताकि भविष्य में पानी की किल्लत से बचा जा सके।

पाम पैराडाइज में 25 फीसद पार्क व ग्रीनरी

70 एकड़ में फैले पाम पैराडाइज में 25 फीसद पार्क व ग्रीनरी है। जहां भवन की छत से लेकर पार्क तक सबका पानी भू-गर्भ तक शुद्ध पहुंचाने की व्यवस्था है। इसके लिए पूरे परिसर में 50 रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट बनाए गए हैं। जिसे पाइप से जोड़ा गया है। इसके जरिए छत व पार्क में एकत्र होने वाला बारिश का पानी सीधे रिचार्ज पेट में जाता है। इसमें कोई गंदगी नहीं होती है और यह पूरी तरह स्वच्‍छ होता है।

रेन वाटर हार्वेस्टिंग के जरिए पूरी हो सकती है पानी की कमी 

पाम पैराडाइज के निदेशक विकास केजरीवाल का कहना है कि बारिश का पानी रेन वॉटर हार्वेस्टिंग  सिस्टम के माध्यम से भू-गर्भ में पहुंचाने का अच्‍छा तरीका है। प्रत्येक भवन में इसे लगाना अनिवार्य होना चाहिए। हमारे देश में स्वच्‍छ पानी व पीने की पानी कमी होती जा रही है। ऐसे में रेन वाटर हार्वेस्टिंग के जरिए हम इस कमी को पूरा कर सकते हैं। जो भी लोग नए भवन का निर्माण करा रहे हैं वह अपने यहां रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम जरूर लगाएं। इससे हम काफी हद तक जल संकट की समस्या से निजात पा सकते हैं। शुद्ध जल के लिए हमे भटकना नहीं पड़ेगा। सिर्फ थोड़ा काम करिए और उसका ज्‍यादा लाभ पाइए। 

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