सिर्फ तीन घंटे के लिए खुला रेलवे अस्‍पताल का काउंटर, घंटों लाइन लगाने के बाद भी नहीं मिल रही दवा Gorakhpur News

सेवानिवृत्त रेलकर्मी आर पांडेय सुबह दस बजे ही ललित नारायण मिश्र केंद्रीय रेलवे अस्पताल के काउंटर पर दवा लेने के लिए लाइन में लग गए। दोपहर 12 बजे तक उनका नंबर नहीं आया। उनके आगे 40- से 50 लोग दवा के लिए खड़े थे।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 19 May 2021 09:10 AM (IST) Updated:Wed, 19 May 2021 09:10 AM (IST)
सिर्फ तीन घंटे के लिए खुला रेलवे अस्‍पताल का काउंटर, घंटों लाइन लगाने के बाद भी नहीं मिल रही दवा Gorakhpur News
रेलवे अस्‍पताल में घंटों लाइन लगाने के बाद भी नहीं मिल पा रही दवा। फाइल फोटो

गोरखपुर, जेएनएन : सेवानिवृत्त रेलकर्मी आर पांडेय सुबह दस बजे ही ललित नारायण मिश्र केंद्रीय रेलवे अस्पताल के काउंटर पर दवा लेने के लिए लाइन में लग गए। दोपहर 12 बजे तक उनका नंबर नहीं आया। उनके आगे 40- से 50 लोग दवा के लिए खड़े थे। इसी बीच काउंटर बंद हो गया और लाइन में लगे दर्जनों वरिष्ठ रेलकर्मी वापस चले गए। उनके जैसे दर्जनों रेलकर्मी फिर दूसरे दिन आएंगे, लाइन लगाएंगे। घंटों खड़ा होने के बाद भी दवा नहीं मिलेगी और वापस हो जाएंगे। अब तो यह रोज की कहानी बन गई है। इसे दवाइयों का अभाव कहें या रेलवे अस्पताल प्रशासन का कुप्रबंधन।

बीमार रेलकर्मियों को समय से नहीं मिल पा रही दवा

बीमार रेलकर्मियों को समय से दवा तक नहीं मिल पा रही है। पिछले कई दिनों से दवा का सिर्फ एक काउंटर खुल रहा है, वह भी 12 बजे तक बंद हो जाता है। जबकि, अस्पताल के ओपीडी में दो महिला सहित दर्जनभर काउंटर हैं। रेलकर्मी ब्लड प्रेशर, शूगर, सांस और अन्य छोटी बीमारियों की दवा तक के मोहताज हैं। रेलवे प्रशासन का स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के सारे दावे हवा- हवाई साबित हो रहे हैं। लाइन में लगने के चलते वरिष्ठ रेलकर्मियों में संक्रमण फैलने का खतरा भी बढ़ गया है।

नरमू ने उठाया मुद्दा, खुलेंगे तीन काउंटर

समस्त रेलकर्मियों का टीकाकरण कराने तथा स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए एनई रेलवे मजदूर यूनियन (नरमू) का प्रतिनिधमंडल महामंत्री केएल गुप्त के नेतृत्व में प्रमुख मुख्य चिकित्सा निदेशक (पीसीएमडी) डा. विनीत अग्रवाल से मिला। प्रतिनिधि मंडल ने प्राथमिकता के आधार पर फ्रंट लाइन के सभी रेलकर्मियों का टीकाकरण कराने की मांग की। महामंत्री ने बताया कि अस्पताल में दस नई आक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन और दस वेंटिलेटर पड़े हैं, लेकिन वह गोदाम में धूल फांक रही हैं। एक ही काउंटर खुलने के चलते मरीजों को आवश्यक दवाएं तक नहीं मिल पा रही। पीसीएमडी ने तीन काउंटर खोलने तथा स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने का आश्वासन दिया। इस मौके पर ओंकार सिंह, विनय कुमार श्रीवास्तव और मुन्नी लाल गुप्त आदि पदाधिकारी मौजूद थे।

पीआरकेएस ने की सभी वेंटिलेटरों को चलाने की मांग

पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ (पीआरकेएस) ने दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर का हवाला देते हुए प्रमुख मुख्य चिकित्सा निदेशक को पत्र लिखकर सभी वेंटिलेटरों और आक्सीजन कंसंट्रेटर मशीनों को चलाने की मांग की है। महामंत्री विनोद कुमार राय ने लिखे गए अपने पत्र के माध्यम से कहा है कि मशीनें स्टोर में पड़ी हैं और संक्रमित रेलकर्मी बिना आक्सीजन के मर रहे हैं। यह एक बड़ा सवाल है। उन्होंने फ्रंट लाइन के सभी कर्मचारियों को समय से टीका लगाने की मांग की है। संघ के प्रवक्ता एके सिंह ने रेलवे प्रशासन से संक्रमित रेलकर्मियों को मेडिकल लीव की जगह स्पेशल लीव देने की मांग की है।

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