मानचित्र पास करने की प्रक्रिया बनेगी पारदर्शी, लागू होगी डिजिटल सिग्नेचर की व्यवस्था
प्राधिकरणों में मानचित्र पास करने की प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने के लिए आर्किटेक्टों के डिजिटल सिग्नेचर की व्यवस्था को लागू किया जाएगा। मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक के साथ हुई वर्चुअल बैठक में इस बात पर सहमति बनी।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता : प्राधिकरणों में मानचित्र पास करने की प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने के लिए आर्किटेक्टों के डिजिटल सिग्नेचर की व्यवस्था को लागू किया जाएगा। आर्किटेक्ट एसोसिएशन की ओर से लंबे समय से इसकी मांग की जा रही थी। गुरुवार को मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक के साथ हुई वर्चुअल बैठक में इस बात पर सहमति बनी। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले 15 दिन में इस संबंध में आदेश जारी हो जाएगा।
आर्किटेक्ट एसोसिएशन ने डिजिटल सिग्नेचर की मांग बढ़ा दी थी
गोरखपुर विकास प्राधिकरण एवं मेरठ विकास प्राधिकरण में आर्किटेक्टों की आइडी का गलत तरीके से उपयोग कर एवं फर्जी हस्ताक्षर कर मानचित्र पास कराने का मामला संज्ञान में आने के बाद आर्किटेक्ट एसोसिएशन की ओर से डिजिटल सिग्नेचर की मांग बढ़ा दी गई थी। गोरखपुर विकास प्राधिकरण में लखनऊ के आर्किटेक्ट के नाम से मानचित्र पास कराए गए थे। इसके बाद ही प्रमुख सचिव आवास के निर्देश पर मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक अनूप श्रीवास्तव ने आर्किटेक्टों के साथ वर्चुअल मीटिंग की और डिजिटल सिग्नेचर लागू करने पर सहमति व्यक्त की।
अनापत्ति प्रमाण पत्रों में देरी का मामला उठा
बैठक में अनापत्ति प्रमाण पत्रों में देरी का मामला भी उठा। अब अग्निशमन, नगर निगम, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, तहसील आदि विभागों की अनापत्ति आनलाइन ही मिल जाएगी। उसकी समय सीमा भी निर्धारित की जाएगी। आर्किटेक्टों की ओर से फर्जी तरीके से पास कराए गए मानचित्रों को निरस्त कर नए सिरे से पंजीकृत आर्किटेक्ट की आइडी से मंजूर किया जाएगा। लोगों को आर्थिक नुकसान न होने पाए, इसका ख्याल रखा जाएगा।
एक हजार से अधिक मानचित्र गलत पास कराए गए
आर्किटेक्ट एसोसिएशन का अनुमान है कि पूरे प्रदेश में करीब एक हजार से अधिक मानचित्र गलत तरीके से पास कराए गए हैं। आर्किटेक्ट एसोसिएशन के संयुक्त सचिव मनीष मिश्रा का कहना है कि डिजिटल सिग्नेचर को अनिवार्य करने की मांग की गई थी, उसपर सहमति बन गई है। बैठक में जोनल प्लान बनाने को लेकर भी चर्चा हुई।