Mustard Oil Price: रिकार्ड ऊंचाई पर पहुंचा सरसों तेल का मूल्य, अभी और बढ़ेंगे भाव

खाद्य तेलों में रिकार्ड मूल्य बढ़ोत्तरी को सरकार ने गंभीरता से लिया है। सरकार अब इसपर न‍ियंत्रण की तैयारी कर रही है। खाद्य एवं रसद विभाग व सभी जिलाधिकारियों से तेल की खरीद व बिक्री से संबंधित रिकार्ड मांगा है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 06 Jun 2021 11:14 AM (IST) Updated:Mon, 07 Jun 2021 08:04 AM (IST)
Mustard Oil Price: रिकार्ड ऊंचाई पर पहुंचा सरसों तेल का मूल्य, अभी और बढ़ेंगे भाव
खाद्य तेलों में र‍िकार्ड मूल्य बढ़ोत्‍तरी की सरकार जांच कराएगी। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, काशिफ अली। दाल के बाद अब सरसों, रिफाइंड और अन्य खाद्य तेलों की कीमत आसमान छू रही है। सरसों तेल की कीमत 110 रुपये से बढ़कर 185 रुपये प्रति लीटर तक पहुंचने के बाद सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर खाद्य तेल एवं तिलहन का संग्रह, उत्पादन, आपूर्ति, वितरण एवं कारोबार से संबंधित खातों व अभिलेखों का निरीक्षण कर रिपोर्ट देने को कहा है। इसके पहले दाल के मूल्य को भी सरकार ने ऐसे ही नियंत्रत किया था।

सरसों का तेल 185, रिफाइंड 175 रुपये लीटर तक बिका

मई में खाद्य तेलों की कीमतों में रिकार्ड इजाफा देखा गया था। पैक्ड खाद्य तेलों जैसे की मूंगफली, सरसों, वनस्पति, सोया, सूरजमुखी और पाम आयल की मासिक औसत खुदरा कीमतें इस महीने दशक के उच्‍चतम स्तर पर पहुंच गई थी। सरसों का तेल 185 तथा रिफाइंड 175 रुपये लीटर तक बिका। जबकि पिछले साल मई में सरसों का तेल 110 तथा रिफाइंड 100 रुपये लीटर था। तेल, दाल एवं अन्य खाद्य सामग्री के लगातार दाम बढऩे से लोगों के रसोई का बजट गड़बड़ा गया था। इसको देखते हुए सरकार ने खाद्य तेलों की जमाखोरी एवं कालाबाजारी रोकने की कोशिशें शुरू कर दी है।

खाद्य एवं रसद विभाग व सभी जिलाधिकारियों से मांगा र‍िकार्ड

इसी क्रम में संयुक्त सचिव ने खाद्य एवं रसद विभाग व सभी जिलाधिकारियों से तेल की खरीद व बिक्री से संबंधित रिकार्ड मांगा है। वहीं तेल के थोक कोराबारियों ने सरकार के इस निर्णय पर नाराजगी जताई है। कारोबारियों को मुताबिक सरसों का तेल एवं रिफाइंड की कीमत पूरे देश में बढ़ी थी, न कि सिर्फ उत्तर प्रदेश में। बढ़ती कीमतों के लिए वायदा कारोबार, स्टोरिए, बड़े स्टाकिस्ट के अलावा पाम आयल के आयात पर रोक के साथ खाद्य तेलों पर भारी भरकम आयात शुल्क भी जिम्मेदार है।

चेंबर्स आफ कामर्स के अध्यक्ष व तेल के थोक कारोबारी संजय सिंहानिया के मुताबिक उत्तर प्रदेश में तिलहन की पैदावार बहुत कम है। खाद्य तेल भारत के अन्य राज्यों के साथ अलावा विदेश से भी आयात होता है। प्रदेश के व्यापारियों का खरीद-बिक्री का लेखा-जोखा वाणिज्य कर विभाग के सिस्टम पर मौजूद है। अन्य राज्यों की अपेक्षा उत्तर प्रदेश में खाद्य तेलों कीं महंगाई कम है। इसका मिलान अन्य राज्यों के वाणिज्य कर विभाग के साथ जीएसटी विभाग से भी किया जा सकता है।

फुटकर में तेल की कीमतें प्रति लीटर

एक मई 15 मई 30 मई पांच जून

सरसों का तेल 165 185 180 175

रिफाइंड 155 175 170 165।

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