मजदूरों की मौत को हादसा मानने वाली पुलिस नए सिरे से जांच में जुटी

हैरत की बात यह है इतने बड़े मामले में पुलिस घटना के 24 घंटे बाद भी न तो उस ट्रक ड्राइवर को और न ही स्कार्पियो वाले को ही ढूंढ पाई है।

By Edited By: Publish:Fri, 04 Sep 2020 06:09 PM (IST) Updated:Fri, 04 Sep 2020 06:55 PM (IST)
मजदूरों की मौत को हादसा मानने वाली पुलिस नए सिरे से जांच में जुटी
मजदूरों की मौत को हादसा मानने वाली पुलिस नए सिरे से जांच में जुटी

बस्ती, जेएनएन। पल्लेदारी कर लौट रहे मजदूरों की मौत को हादसा मानने वाली पुलिस हत्या के एंगिल पर काम करने लगी है। अब तक की जांच में यह बात साफ हो गई है कि तीनों पल्लेदारों को ट्रक चालक ने ही कुचला और दो के सिर पर राड से हमला किया था। पुलिस इस बात की जांच में जुटी है कि ट्रक वही था जिससे से पल्लेदारों का लेनदेन को लेकर विवाद हुआ था या फिर कोई और। हालांकि पल्लेदारों के सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में यह साफ हो गया है कि इस घटना को उसी चालक ने अंजाम दिया। हैरत की बात यह है इतने बड़े मामले में पुलिस घटना के 24 घंटे बाद भी न तो उस ट्रक ड्राइवर को और न ही स्कार्पियो वाले को ही ढूंढ पाई है। एएसपी ने शुरू की जांच

शुक्रवार को अपर पुलिस अधीक्षक रवींद्र कुमार ¨सह दोपहर बाद संसारीपुर में उस ढाबे पर पहुंचे, जहां मजदूरों ने घटना के पहले भोजन किया था। यहां पर आधे घंटे तक पुलिस ने ढाबा संचालक कृष्ण पूजन मिश्रा के साथ ही अगल-बगल के दुकानदारों से घटना के बारे में जानकारी ली। पुलिस ने घायल धर्म¨सहपुर गांव निवासी विकास और जंगबहादुर के अलावा पंचम और हृदयराम के भी बयान लिए हैं। इस दौरान एसओ हर्रैया सर्वेश राय मौजूद रहे।

बयान के बाद बदलेगी धारा

हर्रैया के एसओ सर्वेश राय ने बताया घायलों और अन्य मजदूरों का बयान लिया जा रहा है। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद ट्रक से कुचलकर मारने की धारा में मुकदमा तब्दील कर दिया जाएगा। लेकिन अभी तक ऐसे साक्ष्य पुलिस को नहीं मिले हैं। बयान में देरी के सवाल पर उन्होंने कहा कि घायलों से गुरुवार की शाम बयान लेने पुलिस गई थी लेकिन उनकी मनोदशा ठीक नहीं थी। शुक्रवार को डिस्चार्ज होकर गांव पहुंचेंगे तो उनके भी बयान लिए जाएंगे।

संसारीपुर ढाबे पर ट्रक से ही आए थे पल्लेदार

घायल पल्लेदार विकास हो या फिर पंचम। दोनों ने ही बताया कि मजदूर ट्रक में सवार होकर संसारीपुर ढाबे तक आए थे। पीछे से स्कार्पियो से रघुवर ¨सह आए। ढाबे पर सभी पल्लेदारों को खाना खिलाया। जाते समय पांच सौ रुपये देने लगे तो विवाद हो गया। कहा पैसे नहीं है। ट्रक चालक नशे में था और झगड़ने लगा तो उन लोगों ने उसे धकेल दिया। चलने पर उसने रास्ते में बताने की धमकी दी थी। रात का समय था इसलिए पांच लोग गुड्डू, लल्लन, कनिकराम, विकास और जंगबहादुर पैदल ही गांव की ओर चल पड़े। पंचम और हृदयराम ढाबे से स्कार्पियो वाले के साथ ही चले गए। यह सभी पल्लेदार महराजगंज में आढ़तियों के यहां काम करते हैं। एक साल पहले पंचम और गांव के कुछ अन्य पल्लेदार दुबौलिया खाद्य एवं रसद विभाग के गोदाम पर काम करते थे। इस दौरान ही रघुवर से उनके संपर्क हुए थे। फोन कर बुलाने पर पहली बार वह लोग चावल लोड करने गए थे।

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