बदल गई सीएम स‍िटी की तस्‍वीर, यूपी में पर्यटन का केन्‍द्र बना गोरखपुर

बीते साढ़े चार साल में गोरखपुर और आसपास के जिलों की तस्‍वीर बदल गई। गोरखनाथ मंदिर की चमक-दमक बढ़ाई गई तो शहीद स्थल भी सजाए-संवारे गए। गोरखपुर और संत कबीर नगर की सीमा पर कसरवल में मौजूद कबीर धूनी और गोरख तलैया का सुंदरीकरण हुआ है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 09:23 AM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 09:23 AM (IST)
बदल गई सीएम स‍िटी की तस्‍वीर,  यूपी में पर्यटन का केन्‍द्र बना गोरखपुर
गोरखपुर के रामगढ़ ताल का मनोरम दृश्‍य। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। सीएम योगी आद‍ित्‍यनाथ के सीएम बनने के बाद पूर्वांचल खासकर गोरखपुर की दशा व द‍िशा दोनो बदल गई है। गोरखपुर शहर से होकर तीन फोरलेन गुजर रहे हैं तो रामगढ़ताल के कारण गोरापुर अपनी अलग पहचान बना रहा है। इन साढ़े चार साल में गोरखपुर यूपी का पर्यटन हब बन गया है।

गोरखपुर में मरीन ड्राइव सा नजारा

गोरखपुर और आसपास के जिले में, जहां भी पर्यटन विकास की संभावना दिखी, उसे विकसित किया गया। गोरखनाथ मंदिर की चमक-दमक बढ़ाई गई तो शहीद स्थल भी सजाए-संवारे गए। गोरखपुर और संत कबीर नगर की सीमा पर कसरवल में मौजूद कबीर धूनी और गोरख तलैया का सुंदरीकरण हुआ है। चौरी चौरा शहीद स्मारक में दो करोड़ रुपये से विकास कार्य किए गए हैं। कई स्थानों को पर्यटन केंद्र बनाने का कार्य आज भी चल रहा है। पर्यटन के क्षेत्र में प्रदेश सरकार ने गोरखपुर और आसपास के क्षेत्र को कई सौगात दीं। इसमें से 500 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं मूर्त रूप ले चुकी हैं, जबकि सवा सौ करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं प्रगति पर हैं।  जिस रामगढ़ताल के किनारे अंधेरा रहता था, आज वहां मुंबई के मरीन ड्राइव-सा नजारा है। जनता को सुबह टहलने से लेकर शाम को घूमने तक का मौका मिला है। शहर को एक पिकनिक स्पॉट मिल गया है।

खाद कारखाना से बदलेगी पूर्वांचल की पहचान

हिन्‍दुस्‍तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) के खाद कारखाना लगभर तैयार हो गया है। यह क्षेत्र में 10 हजार से अधिक लोगों के रोजगार का मार्ग खोलेगा। प्रधानमंत्री दिसंबर में खाद कारखाने का लोकार्पण कर सकते हैैं। यह कारखाना कई उद्योगों के विकास में सहायक बनेगा। यही नहीं, सरकार ने बंद हो चुकी पिपराइच चीनी मिल को फिर शुरू किया। इस मिल के चलने की उम्मीद लोगों ने छोड़ दी थी। करीब 423 करोड़ रुपये से चीनी मिल को नया कर दिया गया। यह चीनी मिल अपने लिए 27 मेगावाट बिजली का उत्पादन करती है। 60 लाख क्विंटल पेराई क्षमता की मिल चालू होने से 35 हजार गन्ना किसानों को सीधा फायदा हुआ तो साढ़े आठ हजार से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार मिला।

रेडीमेड गारमेंट का हब बनाने की तैयारी

एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) की योजना में टेराकोटा के उत्पाद को शामिल कर वैश्विक पहचान दी गई। दूसरे उत्पाद के रूप में रेडीमेड गारमेंट को बढ़ावा देने के लिए उसे भी शामिल किया गया। गोरखपुर को गारमेंट हब घोषित कर यहां फ्लैटेड फैक्ट्री बनाने की घोषणा हो चुकी है। गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) में गारमेंट पार्क स्थापित किया जा रहा है। प्लास्टिक पार्क स्थापित किए जाने की घोषणा हो चुकी है। कारोबारी सुगमता में छह पायदान की छलांग लगाने वाले गोरखपुर में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियां निवेश कर रही हैैं।

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