Manish Murder Case: अधिकारियों ने 27 दिन बाद भी एडीजी को नहीं बताया बदनाम पुलिस वालों का नाम
यूपी पुलिस अपने अपर पुलिस महानिदेशक के आदेश का भी पालन नहीं कर रही है। अपर पुलिस महानिदेशक अखिल कुमार ने जोन के सभी पुलिस कप्तानों से आरोपित इंस्पेक्टर जेएन सिंह जैसे लोगों की सूची मांगी थी। 27 दिन बाद एडीजी को विभाग के बैडमैनों की सूची नहीं मिली।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। बेहद अनुशासित कहे जानेवाले पुलिस विभाग में अपर पुलिस महानिदेशक के आदेश का भी पालन नहीं हो रहा है। बीते 27 सितंबर की रात में शहर के तारामंडल स्थित होटल कृष्णा पैलेस में पुलिस वालों की पिटाई से कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की मौत हो गई थी। घटना के तीसरे दिन अपर पुलिस महानिदेशक अखिल कुमार ने जोन के सभी पुलिस कप्तानों से आरोपित इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह जैसे लोगों की सूची मांगी थी। एडीजी ने इसके लिए जोन के सभी पुलिस कप्तानों को 48 घंटे का समय दिया था। एडीजी के दिये गए समय को 27 दिन बाद बीत चुके हैं। बावजूद इसके अभी तक एडीजी को अभी तक विभाग के बैडमैनों की सूची नहीं मिल सकी है।
इसलिए मांगी गई थी सूची
एडीजी द्वारा सभी पुलिस कप्तानों से बदनाम पुलिस वालों की सूची मांगनेके पीछे का उद्देश्य थाकि जोन में मनीष हत्याकांड जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। इसे लेकर एडीजीबीते 30 सितंबर को जोन के सभी पुलिस कप्तानों से कहा था कि वह 48 घंटे के भीतर अपने-अपने जिलों में बदनाम पुलिस वालों की सूची तैयार करें और उन्हें जोन कार्यालय पर भेजें। ताकिउन्हें किसी जिम्मेदार पद पर नरखा जाए।
हार मानकर जनता से मांगे जा रहे नाम
जोन के पुलिस कप्तानों से सूची नहीं मिलने के बाद विभाग ने हार मानकर जनता से बदनाम पुलिस वालों का नाम मांगा है। उनकी हरकतों के विषय में जानकारी मांगी है। इसके एडीजी का नंबर सार्वजनिक किया गया है।
यहां दे सकते हैं जानकारी
यदि आपके इलाके में कोई पुलिस कर्मी किसी को अकारण परेशान करता है, अवैध वसूली करता है। वह दुकान से मुफ्त में सामान लेता है, होटल में मुफ्त कमरा चाहता है। युवती व महिलाओं के साथ छेड़खानी करता है अथवा रुपये लेकर विपक्षी पर जबरन मुकदमे लिखता है तो वह आप उसकी शिकायत अपर पुलिस महानिदेशक गोरखपुर जोन के सीयूजी 9454400141 पर वाट्सएप के जरिये कर सकते हैं। आपका नाम व पता गोपनीय रखा जाएगा।
सभी पुलिस कप्तानोंको सूची नहीं भेजने के लिए चेतावनी दी गई है। जनता के लोगों से भी बदनाम पुलिस वालोंके नाम मांगे गए हैं। उनकी गतिविधियों की जानकारी मांगी गई है। नाम मिलने के बाद उसकी एक सूची तैयार की जाएगी और शिकायत को क्रास वेरीफाई करायी जाएगी। ताकि यह भी पता चल सके कि शिकायत कहीं निजी द्वेषवश तो नहीं। शिकायत सही मिलने पर संबंधित पुलिस कर्मी के विरुद्ध कार्रवाई भी होगी। - अखिल कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक।