बिल्डरों को मिली राहत, अब इस नियम से भवन प्रमाण पत्र मिलना हुआ आसान Gorakhpur News
रेरा कानून के बाद पारदर्शिता बढ़ी है। नई गाइड लाइन से प्राधिकरण को राहत मिलेगी। तय समय में बिल्डिंग की जांच कर मानक पूरा होने पर प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाएगा।
गोरखपुर, जेएनएन। वाणिज्यिक भवन एवं ग्रुप हाउसिंग बनवाने वालों को रेरा (रियल इस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी) के नए निर्देशों से राहत मिलेगी। बिल्डर की ओर से पेश पूर्णता प्रमाण पत्र के आवेदन को अब एक सप्ताह में ही निस्तारित करना होगा। प्राधिकरण एक सप्ताह में मामला निस्तारित नहीं करेगा तो आठवें दिन प्रमाण पत्र उपलब्ध करा दिया जाएगा।
ये है नया नियम
पूर्णता प्रमाण पत्र के लिए किए गए आवेदनों को अनावश्यक लटकाने की शिकायतें आती रहती हैं। इसपर रोक लगाने के लिए रेरा ने नया निर्देश जारी किया है। रेरा के नियमों के अनुसार 5000 वर्ग फीट से अधिक एरिया में विकसित होने वाले कामर्शियल भवनों का पंजीकरण रेरा में कराना अनिवार्य है। बिल्डर को बताना होता है कि आवंटी को कब फ्लैट या दुकान का आवंटन करेंगे। विलम्ब होने की स्थिति में बिल्डर को आवंटी के साथ ही रेरा को जुर्माना देना होता है। बिल्डरों की इसी परेशानी को देखते हुए प्राधिकरण पूर्णता प्रमाण पत्र देने में पेंच फंसाते रहे हैं। बिल्डरों ने यूपी रेरा से इस संबंध में शिकायत की थी, जिसके बाद नई गाइड लाइन जारी की गई।
आवेदन से पहले पूरे करने होते हैं ये मानक
बिल्डर को फायर, सीवरेज, लिफ्ट, स्ट्रक्चरल इंजीनियर सर्टीफिकेट, इलेक्ट्रिकल सेफ्टी सर्टीफिकेट, विद्युत आपूर्ति, जलापूर्ति आदि के मानकों को पूरा कर पूर्णता प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करना होता है।
क्या कहता है जीडीए
जीडीए (गोरखपुर विकास प्राधिकरण) के मुख्य अभियंता संजय सिंह ने बताया कि रेरा कानून के बाद पारदर्शिता बढ़ी है। नई गाइड लाइन से प्राधिकरण को राहत मिलेगी। तय समय में बिल्डिंग की जांच कर मानक पूरा होने पर प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाएगा।