डाक्टरों की लापरवाही से महिला की मौत

अल्ट्रासाउंड कराने पर महिला के पेट में जुड़वा बच्चों के हाने की जानकारी मिली थी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 14 Oct 2021 06:11 AM (IST) Updated:Thu, 14 Oct 2021 06:11 AM (IST)
डाक्टरों की लापरवाही से महिला की मौत
डाक्टरों की लापरवाही से महिला की मौत

संतकबीर नगर: निजी अस्पताल के डाक्टरों की लापरवाही ने कोतवाली खलीलाबाद थानाक्षेत्र के बूधाकलां गांव की महिला की मौत हो गई। अल्ट्रासाउंड कराने पर महिला के पेट में जुड़वा बच्चों के हाने की जानकारी मिली थी। आठ अक्टूबर को प्रसव पीड़ा होने पर महिला को पीएचसी चुरेब में दाखिल कराया गया। यहां पर एक लड़की पैदा हुई। दूसरे बच्चे के पेट में फंसे होने की बात कहकर एएनएम ने खलीलाबाद स्थित एक निजी अस्पताल में भेज दिया। इस अस्पताल के डाक्टरों ने पति को बताए बगैर गुपचुप तरीके से महिला का आपरेशन कर दिया लेकिन दूसरा बच्चा पति को नहीं दिया गया। महिला के शव को दफनाने के पूर्व जब महिलाएं नहलाने लगी तो चीरा, उसके पेट पर लगा टांका व पट्टी से आपरेशन की जानकारी हुई।

कोतवाली खलीलाबाद थानाक्षेत्र के बूधाकलां गांव निवासी 40 वर्षीय रामकिशोर पुत्र विक्रम ने डीएम और सीएमओ को दिए गए प्रार्थना पत्र में यह उल्लेख किया है कि अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट से उन्हें व परिवार के सदस्यों को यह जानकारी मिली थी कि उनकी 35 वर्षीय गर्भवती पत्नी सुनीता के पेट में जुड़वा बच्चे पल रहे हैं। उनकी पत्नी को आठ अक्टूबर को सुबह करीब नौ बजे प्रसव पीड़ा शुरू हुआ। इस पर वह गांव की आशा कार्यकर्ता के साथ पत्नी को लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) चुरेब पहुंचे। यहां पर तैनात एएनएम के प्रयास से नार्मल डिलीवरी में एक लड़की पैदा हुई। वहीं, दूसरे बच्चे के पेट में फंसे होने की बात कहकर एएनएम ने इस दिन सुबह करीब 11 बजे खलीलाबाद बाईपास से 100 कदम पश्चिम बस्ती-गोरखपुर रोड पर स्थित एक निजी अस्पताल में भेज दिया। यहां के डाक्टरों ने उन्हें काफी देर तक उलझाए रखा। दोपहर के करीब दो बजे उन्हें एंबुलेंस से तारामंडल-गोरखपुर स्थित एक निजी अस्पताल भेज दिया। यहां के डाक्टरों ने नाड़ी की गति गिरता हुआ देखकर पत्नी को भर्ती नहीं किया। उन्हें तुरंत बीआरडी मेडिकल कालेज-गोरखपुर ले जाने की सलाह दी। इस बीच उसकी पत्नी ने दम तोड़ दिया। नौ अक्टूबर को उनके शव को दफनाने के लिए गांव की महिलाएं शव को नहलाने लगी। इस दरम्यान महिलाओं ने देखा कि मृतक महिला का पेट चीरा हुआ है, उस पर टांका और पट्टी लगा हुआ है। इसके बाद उन्हें यह जानकारी हुई कि खलीलाबाद बाईपास स्थित एक निजी अस्पताल में उनकी पत्नी का गुपचुप तरीके से डाक्टरों ने आपरेशन कर दिया। यहां के कर्मियों ने दूसरा बच्चा उन्हें नहीं दिया गया। इनकी घोर लापरवाही से उनकी 12 वर्षीय बेटी चांदनी, छह वर्षीय बेटा सूरज, तीन वर्षीय बेटी चंदा, दो वर्षीय बेटा सूर्या और बीते शुक्रवार को जन्मी नवजात बालिका मां की छांव से वंचित हो गई।

मुख्य चिकित्साधिकारी इंद्र विजय विश्वकर्मा ने बताया कि इस प्रकरण की जांच कराई जाएगी। जांच रिपोर्ट में कमियां उजागर होने पर दोषियों के खिलाफ अवश्य कार्रवाई की जाएगी। पीड़ित पति व उसके परिवार को न्याय दिलाया जाएगा।

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