राखियों से गुलजार हुआ बाजार, बहनों को उपहार देने के लिए हो रही आनलाइन खरीदारी gorakhpur news
भाई-बहनों के अटूट संबंधों का प्रतीक रक्षाबंधन पर्व के लिए राखी की दुकानें सजने लगी हैं। सप्ताह पूर्व रंग-बिरंगी राखियों से बाजार गुलजार होने लगा है। पर्व को देखते हुए बाजार में तीन रुपये से लेकर सौ रुपये तक की राखी उपलब्ध है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता : भाई-बहनों के अटूट संबंधों का प्रतीक रक्षाबंधन पर्व के लिए राखी की दुकानें सजने लगी हैं। नागपंचमी पर्व बीतते ही बाजार में रौनक बढ़ गई है। सप्ताह पूर्व रंग-बिरंगी राखियों से बाजार गुलजार होने लगा है। यहां छिटपुट खरीदारी भी हो रही है। पर्व को देखते हुए बाजार में तीन रुपये से लेकर सौ रुपये तक की राखी उपलब्ध है। मांग पर विशेष राखियां भी उपलब्ध कराई जा रही है। रक्षाबंधन पर्व को लेकर बाजार में राखियों से पटने लगा है। भाइयों की कलाई सजाने के लिए राखियां खरीदने व भेजने में भाई -बहनों में खासा उत्साह है।
गिफ्ट आइटम की दुकानों पर भी चहल-पहल
पर्व के लिए कपड़े, गिफ्ट आइटम की दुकानों पर भी चहल-पहल है। उपहार देेने के लिए आनलाइन बुकिंग की जा रही है। गत वर्ष की अपेक्षा राखी के दामों में करीब 20 से 22 फीसदी का इजाफा हुआ है। दूर-दराज राखियां भेजने व मंगाने का सिलसिला प्रारंभ है। 22 अगस्त को पर्व पर मुहूर्त को लेकर उत्सुकता बनी है। कोरियर कंपनियों ने निर्धारित तिथि पर राखी भेजने के लिए योजनाएं चला रही हैं। विशेष लिफाफे तैयार किए हैं, जिनकी मांग भी है। राखी समय से सुरक्षित पहुंचाने का दावा भी किया जा रहा है।
स्वदेशी व रेशमी राखियां
रक्षाबंधन का त्योहार जैसे-जैसे करीब आ रहा है, बाजार सज रहा है। बच्चों से लेकर बड़ों के लिए अनेक प्रकार की राखियां बाजार में उपलब्ध हैं। गोलघर बाजार, बैंक रोड चौराहे के साथ कस्बा व ग्रामीण अंचलों में दुकानें लगीं हैं। स्वदेशी के साथ महिलाओं द्वारा रेशमी, डोरी वाली, डायमंड फैशनेबल राखियां ज्यादा पसंद की जा रही है। इस बार चंदन, जरी, शंख, स्वास्तिक, त्रिशूल अंकित राखियों की मांग है। रमेश कुमार गुप्ता का कहना है कि पिछले सोमवार से दुकान लग रही है। वराणसी, लखनऊ, जयपुर, कलकत्ता से राखी मंगाई गई है। विजय कुमार, रोशन का कहना है कि नागपंचमी से खरीदारी बढ़ी है।