भारत पहुंचा सोमालिया में फंसे भारतीयों का आखिरी दस्ता, महीनों से फंसे थे 33 कामगार Gorakhpur News

सोमालिया से आखिरी दस्ते में लौटने वालों में कुशीनगर जिले के सुग्रीव कुशवाहा गोरखपुर जिले के लल्लन बेलदार बिहार के गोपालगंज के सुग्रीव सिंह महराजगंज जिले के दिलीप कुमार संतकबीरनगर जिले के लालता प्रसाद बिहार के अरविंद कुमार शामिल हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 18 Jan 2021 08:05 AM (IST) Updated:Mon, 18 Jan 2021 11:44 AM (IST)
भारत पहुंचा सोमालिया में फंसे भारतीयों का आखिरी दस्ता, महीनों से फंसे थे 33 कामगार Gorakhpur News
सोमालिया से अपने वतन पहुंचा भारतीय कामगारों का आखिरी दस्‍ता। - जागरण

गोरखपुर, जेएनएन। सोमालिया में फंसे 33 भारतीय कामगारों का आखिरी दस्ता भी रविवार को अपने मुल्क लौट आया है। इस दस्ते में कुशीनगर के सुग्रीव व गोरखपुर के लल्लन बेलदार समेत कुल छह व्यक्ति शामिल हैं। कामगारों ने कहा कि अब विदेश नहीं जाएंगे। अपनी मिट्टी व अपनों के बीच काम करके वोकल फार लोकल के नारे को सार्थक करेंगे। 

राजेश से मिलकर भावुक हुए सुग्रीव, बोले अब ना जाएंगे विदेश 

सोमालिया से आखिरी दस्ते में लौटने वालों में कुशीनगर जिले के सुग्रीव कुशवाहा, गोरखपुर जिले के लल्लन बेलदार, बिहार के गोपालगंज के सुग्रीव सिंह, महराजगंज जिले के दिलीप कुमार, संतकबीरनगर जिले के लालता प्रसाद, बिहार के अरविंद कुमार शामिल हैं। यह सोमालिया से फ्लाइट से दिल्ली पहुंचे और वहां से सब अलग-अलग वाहनों से अपने-अपने घरों के लिए रवाना हुए। सुग्रीव कुशवाहा व सुग्रीव सिंह ट्रेन से गोरखपुर पहुंचे। यहां मानव सेवा संस्थान के राजेश मणि ने दोनों को फूलमाला पहना कर स्वागत किया। राजेश से मिलकर सुग्रीव भावुक दिखे। बोले उनके सार्थक प्रयासों की देन है कि वह सोमालिया से यहां आ सके। 

33 भारतीय गए थे सोमालिया, अंतिम दस्ते में छह लौटे 

बता दें गोरखपुर मंडल के 21 कामगार सहित कुल 33 भारतीय सोमालिया की राजधानी मोगाडिशु की एसओएम स्टील कंपनी में काम करने के लिए गए थे। बीते वर्ष फरवरी माह में स्टील कंपनी दिवालिया हो गई। ऐसे में भारतीय कामगार वहां फंस गए थे। सुग्रीव ने वहां से राजेश मणि से संपर्क साधा। राजेश ने टवीटर, मेल के जरिए विदेश मंत्रालय को सूचना दी। सोमालिया एंबेसी को पत्र लिखा। सुग्रीव कुशवाहा भी अपनी तरफ से लगातार पत्र व्यवहार करते रहे। नतीजा यह रहा कि किसी तरह से संबंधित कंपनी इन्हें इनके देश भेजने के लिए राजी हो गई। अपने सभी साथियों को भेजने के बाद अंतिम ट्रिप में सुग्रीव खुद देश में लौट आए हैं। 

चार ट्रिप में लौटे कामगार 

पहली ट्रिप में- 11 

दूसरी ट्रिप में- 11 

तीसरी ट्रिप में- 5 

चौथी ट्रिप में- 6

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