एक साथ बुझ गए पांच घरों के चिराग, गम में डूबा गांव
गोरखपुर में सरयू नदी में डूबने से एक ही गांव के पांच बच्चों की मौत हो गई। इस घटना से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है।
गोरखपुर, जेएनएन। बेइली खुर्द गांव के लोग होली की खुमारी में डूबे हुए थे। सब कुछ सामान्य चल रहा था। युवा ही नहीं गांव के बुजुर्ग भी रात में सम्मत जलाने की जोर-शोर से तैयारी कर रहे थे। महिलाएं घरों में पकवान बनाने मे मशगूल थीं। हंसी, खुशी का माहौल था। इसी बीच गांव के पांच बच्चों के सरयू नदी में डूबने की मनहूस खबर मिली। लगा मानो वक्त ठहर गया हो। हर कोई हतप्रभ रह गया। दिल दहला देने वाले इस हादसे में चिराग तो पांच घरों के ही बुझे हैं लेकिन पूरा गांव गम डूब गया है।
बार-बार डायल करने के बाद भी नहीं उठ रहा था फोन
काल कलवित हुए सत्यम, सौरभ, आदर्श और नितेश काफी दिन बाद गांव पहुंचे थे। गांव में ही रहकर पढऩे वाले दोस्त अमन को साथ लेकर सुबह से ही वे घर-घर घूमकर लोगों से मिलजुल रहे थे। दोपहर बाद कुछ लोगों ने उन्हें नदी की तरफ जाते देखा था। काफी देर बाद भी वे घर नहीं पहुंचे तो परिजनों ने पहले उनका मोबाइल फोन मिलना शुरू किया। लगातार प्रास करने के बाद भी किसी का फोन रिसीव नहीं हो रहा था। फोन न उठने से परिजन अनजाने डर और शंका से घिरते जा रहे थे। उन्हें खोजते हुए लोग जब नदी के किनारे पहुंचे तो सभी के मोबाइल फोन आर कपड़े घाट पर पड़े मिले।
चार को बचाने में गई नितेश की जान
आदर्श, अमन, सत्यम और सौरभ के शरीर पर कपड़े के नाम पर अंडरवीयर भर मौजूद था। उनके बाकी कपड़े नदी के किनारे रखे हुए थे। नितेश की लाश निकाली गई तो वह सारे कपड़े पहने हुए था। जेब से उसका मोबाइल फोन भी रखा था। इस आधार पर माना जा रहा है कि आदर्श, अमन, सत्यम और सौरभ भर नदी में स्नान कर रहे थे, नितेश किनारे पर खड़ा था। चारों को डूबता देख वह उन्हें बचाने के लिए कपड़े पहने हुए ही नदी में कूद गया होगा। हालांकि दोस्तों को तो वह नहीं बचा पाया, उनके साथ अपनी भी जान गवां दी।
सत्यम और आदर्श थे परिवार के इकलौते पुत्र
दिल दहला देने वाले इस हादसे में जान गंवाने वाले सत्यम और आदर्श, परिवार के इकलौते पुत्र थे। सत्यम के बाद उसकी तीन बहने हैं। पिता, किसान हैं। आदर्श के पिता मुंबई में रहकर निजी फर्म में काम करते हैं। उसके अलावा उसकी एक बहन है। सौरभ का एक और भाई तथा एक बहन है। उसके पिता एनसीसी में नौकरी करते हैं। अमन की भी एक बहन और एक भाई है। उसके पिता इलाके के ही एक डिग्री कालेज में बाबू के पद पर कार्यरत हैं। नितेश के पिता घर पर ही रहते हैं। उसका एक और भाई है।
रात में ही कराया जाएगा पोस्टमार्टम
नदी में डूबने से पांच की मौत होने की खबर मिलने पर पुलिस अधीक्षक दक्षिणी और उप जिलाधिकारी गोला मौके पर पहुंचे थे। शवों के मिलने के बाद गम में डूबे परिजनों और ग्रामीणों ने अधिकारियों से रात में ही उनका पोस्टमार्टम कराने की मांग की। वहीं से अधिकारियों ने जिलाधिकारी से इस संबंध में बात की तो उन्होंने रात में पोस्टमार्टम कराने की अनुमति दे दी। इसके बाद जल्दी-जल्दी कागजी औपचारिकता पूरी कर पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए गोरखपुर भेज दिया।
यह है घटनाक्रम
बेलघाट क्षेत्र के बेइली खुर्द गांव के पास बुधवार को सरयू नदी में स्नान करने चचेरे भाइयों सहित पांच की नदी में डूबने से मौत हो गई। देर शाम नदी के किनारे लावारिस हाल में कपड़े और मोबाइल फोन मिलने पर ग्रामीणों को उनके नदी में डूबने का संदेह हुआ। काफी मशक्कत से उन्होंने पांचों के शव नदी में खोजकर बाहर निकाला। डूबने वालों में बेइली खुर्द गांव के ही कृष्ण मुरारी शुक्ल के पुत्र सत्यम, मदन मुरारी शुक्ल के पुत्र सौरभ, दिनेश शुक्ल के पुत्र अमन, धु्रव नारायण शुक्ल के पुत्र नितेश और बेइली खुर्द गांव में ननिहाल आए उरुवा क्षेत्र के परसा तिवारी गांव निवासी सूर्य प्रकाश त्रिपाठी के पुत्र आदर्श शामिल हैं। सत्यम और सौरभ चचेरे भाई हैं। दोनों गोरखपुर में रहकर क्रमश: आठवीं और बीएससी की पढ़ाई कर रहे थे। आदर्श का उन्हीं घर ननिहाल है। वह मुंबई में रहकर डॉक्टरी की पढ़ाई रहा था। नितेश भी गोरखपुर रहकर बीएससी में पढ़ता था। अमन गांव में ही रहता था। इस साल उसने इंटर की परीक्षा दी थी। सत्यम, सौरभ और नितेश होली की छुट्टी में गांव पहुंचे थे। आदर्श होली खेलने के लिए पहले से ननिहाल में ही था। चारों दोपहर में गांव से अमन को साथ लेकर घूमने निकले। इसके बाद से ही उनका पता नहीं चल रहा था। काफी वक्त बीत जाने के बाद भी घर नहीं लौटे तो परिवार के लोगों ने उन्हें खोजना शुरू किया। इसी दौरान गांव के ही एक व्यक्ति ने दोपहर में उन्हें नदी की तरफ जाते हुए देखने की बात कही। देर शाम परिजन नदी के किनारे पहुंचे तो घाट पर उनके कपड़े और मोबाइल फोन रखे मिले। उनके डूबने का संदेह होने पर ग्रामीणों नदी में उन्हें खोजना शुरू किया तो एक-एक कर पांचों के शव बरामद हुए।