Gorakhpur University: शासन ने कुलपति का निर्णय पलटा, कुलसचिव को हटाने के निर्णय को गलत ठहराया

Gorakhpur University के कुलपति प्रो. राजेश सिंह द्वारा कुलसचिव डा. ओमप्रकाश को हटाने के निर्णय को शासन ने गलत ठहराया है। यही नहीं आदेश को वापस लेते हुए कुलसचिव को पद पर फिर से स्थापित करने के लिए भी कहा है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 10:10 AM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 10:10 AM (IST)
Gorakhpur University: शासन ने कुलपति का निर्णय पलटा, कुलसचिव को हटाने के निर्णय को गलत ठहराया
शासन ने गोरखपुर विश्‍वविद्यालय के कुलपति के निर्णय को पलट दिया है।

गोरखपुर, जेएनएन। शासन ने दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह द्वारा कुलसचिव डा. ओमप्रकाश को हटाने के निर्णय को गलत ठहराया है। यही नहीं आदेश को वापस लेते हुए कुलसचिव को पद पर फिर से स्थापित करने के लिए भी कहा है।

विधि सम्मत कार्यवाही के लिए कुलपति को दिया शासन को पत्र भेजने का विकल्प

शासन की ओर से विशेष सचिव उच्च शिक्षा अब्दुल समद ने कुलपति को संबोधित पत्र में लिखा है कि कुलसचिव को उनके मूल कार्य से विरत करके विश्वविद्यालय के एचआरडीसी से सम्बद्ध करना उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय सेवा नियमावली-1975 अनुसार शासन की शक्तियों का अतिक्रमण है। साथ ही कुलपति की अधिकारिता के परे है। कुलसचिव के रहते इस पद का कार्यभार किसी और को दिया जाना विधि विरुद्ध है। इसके अलावा डा. ओमप्रकाश को हटाए जाने को लेकर जारी कार्यालय आदेश में कुलसचिव की गतिविधियों की जांच के लिए जिस जांच कमेटी का उल्लेख किया गया है, उसका पत्र भी शासन को अभी तक नहीं मिला है।

पत्र के माध्यम से शासन ने कुलपति को यह विकल्प दिया है कि वह कुलसचिव के खिलाफ विधि-सम्मत कार्यवाही करते हुए यथोचित कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भेज सकते हैं। कुलसचिव को हटाए जाने को लेकर आए शासन के इस प़़त्र की विश्वविद्यालय के शिक्षकों, अधिकारियों और कर्मचारियों में देर रात तक चर्चा रही।

नौ अप्रैल को हटाए गए थे कुलसचिव

कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने नौ अप्रैल को एक कार्यालय आदेश जारी करके कुलसचिव डा. ओमप्रकाश को पद से हटा दिया था और उन्होंने विश्वविद्यालय के एचआडी सेंटर से सम्बद्ध कर दिया था। साथ ही अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. अजय सिंह को कार्यवाहक कुलसचिव के तौर पर पदभार ग्रहण करा दिया था। कुलपति ने कुलसचिव पर कामकाज में सहयोग न करने बल्कि बाधा बनने का आरोप लगाया था। यही नहीं कई कारण बताओ नोटिस का यथोचित जवाब न देने के मामले की जांच के लिए जांच कमेटी भी गठित कर दी थी। कुलसचिव ने कुलपति के इस निर्णय को नियम विरुद्ध करार देते हुए शासन से उचित निर्णय लेने की गुहार लगाई थी। इसी क्रम में शासन का पत्र कुलपति को आया है। इस मामले को लेकर अपने गोरखपुर प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कुलपति को बुलाकर पूछताछ भी की थी और निर्णय को लेकर असंतोष जाहिर किया था।

सचिवालय से ऐसा कुलपति कार्यालय को कोई निर्देेश अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है। इस विषय में शासन का जो भी निर्णय होगा, उसका पालन सुनिश्चित किया जाएगा। - प्रो. राजेश सिंह, कुलपति, दीदउ गोरखपुर विवि।

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