गोरखपुर में कोरोना के मृतकों की यहां पर हो रहा अंतिम संस्कार, कर्मचारी और लकड़ी की भी व्यवस्था Gorakhpur News
राप्ती तट पर नगर निगम ने मुक्तेश्वर नाथ घाट का निर्माण कराया है। यहां बायो गैसीफायर और एलपीजी प्लांट की स्थापना की गई है। एलपीजी प्लांट में कोरोना से मौत होने पर अंतिम संस्कार की व्यवस्था बनाई गई है।
गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना संक्रमण से मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार के लिए बनाए गए एलपीजी प्लांट में शवदाह नहीं हो रहा है। स्वजन के अनुरोध पर नगर निगम प्रशासन ने एक बार फिर एकला बांध पर अंतिम संस्कार की व्यवस्था की है। इसके लिए नगर निगम के कर्मचारियों की तैनाती कर दी गई है। नगर निगम प्रशासन ने लकड़ी की भी व्यवस्था की है। हालांकि अब तक किसी ने नगर निगम की लकड़ी नहीं ली है, स्वजन खुद लकड़ी खरीदकर अंतिम संस्कार कर रहे हैं।
नगर निगम ने मुक्तेश्वर नाथ घाट पर बनाई है व्यवस्था
राप्ती तट पर नगर निगम ने मुक्तेश्वर नाथ घाट का निर्माण कराया है। यहां बायो गैसीफायर और एलपीजी प्लांट की स्थापना की गई है। एलपीजी प्लांट में कोरोना से मौत होने पर अंतिम संस्कार की व्यवस्था बनाई गई है। हाल में कोरोना से मौत होने के बाद पार्थिव शरीर लेकर स्वजन एकला बांध पर पहुंच रहे हैं। नगर निगम के मुख्य अभियंता सुरेश चंद्र ने बताया कि एलपीजी आधारित शवदाह गृह की बजाय कोरोना से मौत के मामले में स्वजन शव लेकर एकला बांध पर पहुंच रहे हैं। वहां नगर निगम की ओर से कर्मचारियों की तैनाती कर दी गई है। लकड़ी की भी व्यवस्था की गई है। हालांकि लोग खुद ही लकड़ी खरीदकर अंतिम संस्कार कर रहे हैं।
एक करोड़ छह लाख से बना है प्लांट
मुक्तेश्वर नाथ घाट पर प्रदूषण मुक्त लकड़ी एवं गैस आधारित शवदाह संयंत्र की स्थापना पर नगर निगम ने एक करोड़ छह लाख तीन हजार रुपये खर्च किए हैं। प्रदूषण मुक्त लकड़ी आधार अन्त्येष्टि स्थल में शवदाह से निकलने वाली गैस को पानी की बौछार के बीच से गुजारा जाएगा। इसके बाद फिल्टर के माध्यम से गैस को फिर से शुद्ध किया जाएगा। यहां से गैस वायुमंडल में जाएगी। इस विधि से कम लकड़ी में डेढ़ घंटे में शवदाह हो जाएगा। एलपीजी प्लांट में तकरीबन 15 किलोग्राम गैस में शवदाह हो जाएगा। इस प्रक्रिया में तकरीबन 45 मिनट लगेंगे।