कोविड प्रोटोकाल की उड़ रहीं धज्जियां, बसों में न सफाई हो रही न धुलाई
सरकार भी कह रही है कि कोरोना अभी गया नहीं है। सुरक्षित रहने के लिए सतर्कता जरूरी है लेकिन परिवहन निगम के सेहत पर कोई असर नहीं पड़ रहा। रोडवेज की बसों में कोविड- प्रोटोकाल तार- तार हो रहा है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता : सरकार भी कह रही है कि कोरोना अभी गया नहीं है। सुरक्षित रहने के लिए सतर्कता जरूरी है, लेकिन परिवहन निगम के सेहत पर कोई असर नहीं पड़ रहा। रोडवेज की बसों में कोविड- प्रोटोकाल तार- तार हो रहा है। भीड़ में संक्रमण फैलने की आशंका बढ़ती जा रही है। न बसों की सफाई हो रही और न धुलाई। सैनिटाइजर तो शायद विभाग भूल ही गया है। लोग गंदगी भरे सीटों पर यात्रा करने को मजबूर हैं।
निगम के दावों की पोल खोल रहीं थीं बसें
दोपहर 12 बजे के आसपास राप्तीनगर डिपो में खड़ी वाराणसी रूट पर चलने वाली रोडवेज की बसें निगम के दावों की पोल खोल रही थी। बसों को देखकर नहीं लग रहा था कि जून में उनकी धुलाई भी हुई है। सीटें गंदी थी। उनके नीचे कचरा पसरा हुआ था। चालकों और परिचालकों के मास्क उनके बैग में थे। अधिकतर यात्री भी बिना मास्क के बैठे थे। पूछने पर लोग मास्क लगा ले रहे थे। गंदगी और संक्रमण के सवाल पर आजमगढ़ जा रहे चतुरानन, पारस और संतोष का कहना था कि क्या करें। कोई दूसरा साधन भी तो नहीं है। यात्रियों की कोई सुनने वाला भी तो नहीं है।
बसों से वाइपर ही गायब
कमोबेश यही स्थिति रेलवे डिपो परिसर में खड़ी बसें की भी थी। कुछ बसों के शीशे टूटे थे तो कुछ पर बारिश का पानी साफ करने वाला वाइपर ही गायब था। बसों के अंदर गंदगी पसरी थी। यात्रियों के बीच न कोई दूरी थी और न चेहरे पर मास्क। यह तब है जब शासन ने रोडवेजकर्मियों का वेतन काटने तथा यात्रियों पर जुर्माना लगाने के लिए निर्देशित किया है।
वर्कशाप में पानी लगने के कारण बसों की नहीं हो पा रही धुलाई
रोडवेज के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक केके तिवारी ने कहा कि वर्कशाप में पानी लगने व कीचड़ के चलते बसों की समुचित धुलाई नहीं हो पा रही। हालांकि, सैनिटाइजेशन कराई जाती है। बिना मास्क के कर्मचारियों और यात्रियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है।