कुपोषित बच्चों के परिवार को मिलेगा हर योजना का लाभ, गोरखपुर में 65 हजार बच्‍चे कुपोषित

गोरखपुर के आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत शून्य से पांच वर्ष के चार लाख 32 हजार 475 बच्चों का वजन कराया गया। इनमें 55085 बच्चे कुपोषित एवं 9045 बच्चे अतिकुपोषित बच्चे चिह्नित हुए। इसी के साथ चार लाख 24 हजार 530 बच्चों की जांच वजन एवं लंबाई के अनुसार की गई।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 09:05 AM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 09:05 AM (IST)
कुपोषित बच्चों के परिवार को मिलेगा हर योजना का लाभ, गोरखपुर में 65 हजार बच्‍चे कुपोषित
गोरखपुर में 65 हजार से अध‍िक बच्‍चे कुपोषित हैं। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। पोषण माह के अंतर्गत अभियान चलाकर जिले में कुपोषित, अतिकुपोषित, सीवियर एक्यूट मालन्यूट्रिशन (सैम) एवं माडरेट एक्यूट मालन्यूट्रिशन (मैम) बच्चों का चयन किया गया है। इनमें से अतिकुपोषित, सैम एवं मैम बच्चों के परिवार का पूरा विवरण तैयार कर उन्हें सरकार की ओर से संचालित हर योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा।

गोरखपुर में चिह्नित किए गए अतिकुपोषित, सैम एवं मैम 17755 बच्चे

पोषण माह के अंतर्गत चलाए गए अभियान में आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत शून्य से पांच वर्ष के चार लाख 32 हजार 475 बच्चों का वजन कराया गया। इनमें 55085 बच्चे कुपोषित (पीला श्रेणी) एवं 9045 बच्चे अतिकुपोषित बच्चे (लाल श्रेणी) चिह्नित हुए। इसी के साथ चार लाख 24 हजार 530 बच्चों की जांच वजन, एवं लंबाई के अनुसार की गई। इनमें से 6165 मैम एवं 2545 सैम बच्चों को चिह्नित किया गया। बच्चों को चिह्नित करने के बाद कुपोषित, सैम एवं मैम 17 हजार 755 बच्चों के परिवार का पूरा विवरण तैयार किया जाएगा।

इसमें परिवार की आर्थिक स्थिति, राशन कार्ड, मनरेगा जाब कार्ड, आवास, पेंशन जैसी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलने की जानकारी दर्ज की जाएगी। जिन परिवारों को लाभ नहीं मिला है, उन्हें योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा। जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने भी इस संबंध में बैठक कर संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।

बच्चों को गोद लेंगी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व आशा

जिन गांवों में अतिकुपोषित, सैम एवं मैम बच्चे चिह्नित हुए हैं, उन गांवों में कार्य करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, प्रधान एवं आशा ऐसे को गोद लेंगे। कुपोषण के रोकथाम के लिए जारी 10 हस्तक्षेपों की जानकारी प्रभावित परिवारों को देंगी। विभागीय योजनाओं का लाभ दिलाने में भी मदद करेंगी। गोद लिए हुए बच्चों को सुपोषित करने का प्रयास किया जाएगा।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मिलेगा प्री प्राइमरी का प्रशिक्षण

नई शिक्षा नीति के अंतर्गत शिक्षा विभाग की ओर से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्री प्राइमरी का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए आंगनबाड़ी केंद्र पर पहल पुस्तिका, प्री स्कूल किट, गतिविधि पुस्तिका, स्टोरी बुक, शाला पूर्व शिक्षा बाल मूल्यांकन कार्ड एवं गतिविधि कैलेंडर उपलब्ध कराया जाएगा।

आंगनबाड़ी केंद्रों का होगा कायाकल्प

जिलाधिकारी के निर्देश के बाद आंगनबाड़ी केंद्रों का कायाकल्प करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस केंद्रों पर स्वच्छ पेयजल, बालिकाओं के लिए बेबी फ्रेंडली शौचालय, हाथ धोने के लिए बेसिन, विद्युतीकरण, फर्श पर टाइल लगाने का काम, कुर्सी, खेल सामग्री की व्यवस्था की जाएगी।

अभियान चलाकर जिले में अतिकुपोषित, सैम एवं मैम बच्चों को चिह्नित किया गया है। इन बच्चों के परिवारों का गूगल शीट पर पूरा विवरण तैयार किया जाएगा। उन्हें योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा होगा तो लाभ दिलाया जाएगा। प्रधान, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं आशा ऐसे बच्चों को गोद लेकर उन्हें सुपोषित करने का प्रयास करेंगे। इन कार्यों के लिए जिलाधिकारी की ओर से अनुमोदन दिया जा चुका है। - हेमंत कुमार सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी।

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