गोरखपुर में साकार होगा अपनेे मकान का सपना, जीडीए कम करने जा रहा है अपनी संपत्तियों का मूल्य

गोरखुपर विकास प्राधिकरण ने की आवासीय संपत्ति पर अब केवल नौ फीसद ब्याज ही लगेगा। इसी तरह व्यावसायिक संपत्तियों पर लगने वाला 18 फीसद ब्याज घटाकर 11 फीसद कर दिया गया है। इससे जीडीए की आवासीय व व्यावसायिक संपत्तियां कुछ सस्ती होंगी।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 07:50 AM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 10:57 PM (IST)
गोरखपुर में साकार होगा अपनेे मकान का सपना, जीडीए कम करने जा रहा है अपनी संपत्तियों का मूल्य
गोरखपुर में जीडीए की संपत्तियों का मूल्य कम होने जा रहा है। - प्रतीकात्मक तस्वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। संपत्तियों के न बिकने के चलते गोरखुपर विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने आवासीय एवं व्यावसायिक संपत्तियों के किस्तों पर लगने वाले ब्याज को घटाने का निर्णय लिया है। आवासीय संपत्ति पर अबतक 11 फीसद ब्याज लगता था। विलंब होने की स्थिति में ब्याज दर 15 फीसद हो जाती थी लेकिन अब केवल नौ फीसद ब्याज ही लगेगा।

इसी तरह व्यावसायिक संपत्तियों पर लगने वाला 18 फीसद ब्याज घटाकर 11 फीसद कर दिया गया है। इससे जीडीए की संपत्तियां कुछ सस्ती हो सकेंगी। हालांकि ये नई दरें फिलहाल अगले दो साल के लिए ही लागू रहेंगी, उसके बाद दोबारा इसपर विचार होगा।

आवासीय एवं व्यावसायिक संपत्तियों की किस्तों पर लगने वाले ब्याज दर में की गई कटौती

कई बार आवेदन आमंत्रित करने के बाद भी जीडीए की कुछ संपत्तियां नहीं बिक पा रही हैं। समीक्षा में यह बात सामने आई कि किस्तों पर ब्याज की दरें कुछ अधिक हैं। इस मामले को हाल ही में संपन्न जीडीए बोर्ड की बैठक में भी रखा गया था। बोर्ड ने ब्याज दर कम करने पर सहमति जता दी थी। जीडीए के सचिव राम सिंह गौतम ने बताया कि नई दरें सात जुलाई से अगले दो साल के लिए लागू की गई हैं।

नौका संचालकों का कोरोना काल का किराया माफ

रामगढ़ ताल क्षेत्र में पर्यटकों के लिए नाव का संचालन करने वालों का कोरोना कालखंड का किराया माफ करने का निर्णय लिया गया है। संचालकों की ओर से दिए गए आवेदन के बाद जीडीए के अधिकारियों ने यह फैसला लिया है। संचालकों ने कोरोना काल में कमाई बंद होने का हवाला दिया था।

यह मामला भी जीडीए बोर्ड की बैठक में रखा गया था, जिसपर बोर्ड ने वित्त अधिकारी को आकलन करने को कहा था। आकलन के बाद किराया माफ करने का निर्णय लिया गया है। इस फैसले के बाद स्की बोट व स्पीड बोट संचालकों का 60-60 हजार तथा रेस्टोरेंट संचालक कर करीब एक लाख 75 हजार रुपये किराया माफ किया गया है।

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