कोरोना संकट में नहीं टूटने दी जीवन सुरक्षा की डोर

डा. राजेश द्विवेदी कोविड की शुरूआत से लेकर अभी तक चिकित्सा कार्य मे जुटे हुए हैं। निचलौल सीएचसी अधीक्षक ने कहा कि चार्ज लेने के कुछ माह बाद ही कोविड की शुरूआत हो गई। जिसके बाद से ही लोगों की जांच जागरूकता कार्यक्रम व दवा उपलब्ध कराने में जुटे रहे।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 11 Aug 2021 06:10 AM (IST) Updated:Wed, 11 Aug 2021 06:10 AM (IST)
कोरोना संकट में नहीं टूटने दी जीवन सुरक्षा की डोर
कोरोना संकट में नहीं टूटने दी जीवन सुरक्षा की डोर

महराजगंज : देश में अचानक आई महामारी ने लोगों को घरों में कैद कर दिया। जागरूकता के बाद उसे कोविड 19 के नाम से जाना गया। उस समय आमजन से लेकर चिकित्सक भी बीमारी से सहमे हुए थे। फिर भी चिकित्सक लोगों की जान बचाने के लिए अस्पतालों से लेकर क्षेत्र में डटे हुए थे। उन्हीं में से एक डा. राजेश द्विवेदी भी हैं। जिन्होंने कोविड की शुरूआत से लेकर अभी तक चिकित्सा कार्य मे जुटे हुए हैं। निचलौल सीएचसी अधीक्षक ने कहा कि चार्ज लेने के कुछ माह बाद ही कोविड की शुरूआत हो गई। जिसके बाद से ही लोगों की जांच, जागरूकता कार्यक्रम व दवा उपलब्ध कराने में जुटे रहे। कोरोना के समय नहीं मिली छुट्टी

डा. राजेश द्विवेदी ने बताया कि कोरोना के मामले बढ़ने के साथ ही जिम्मेदारी भी बढ़ी, जिसके कारण उससे लड़ना और हराना एक चुनौती हो गई, जिसे स्वीकार किया। जिसका परिणाम रहा कि हम लोगों ने बेहतर तरीके से कोरोना पर जीत पाई। कोरोना के दौरान एक वर्ष तक कोई छुट्टी नहीं मिली। मेरे सभी स्टाफ ने बहुत मेहनत व त्याग किया। उन्होंने बताया कि उनके साथ सभी स्वास्थ्यकर्मी ने कोरोना से इस जंग में लड़ाई लड़ी है। साथ ही अभी भी लड़ाई जारी है। कोरोना को हराने का सबसे बेहतर हथियार वैक्सीन है। जिसे लगातार लगवाया जा रहा है। वैक्सीनेशन के समय से ही नर्सिंग स्टाफ वैक्सीन लगा रहा है। जिसकी लगातार मानिटरिग कर रहे हैं। कोरोना अभी गया नहीं, बचाव जरूरी

सीएचसी अधीक्षक डा. राजेश द्विवेदी ने कहा कि कोरोना अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है, बस कम हो गया है। इसलिए कोई लापरवाही ना करें। जो जरूरी उपाय बताए जा रहे हैं, उनका पालन करें। वर्तमान दौर में बच्चों व बुजुर्गों का खास ख्याल रखें।

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