सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले नहीं हो सकती किसी महिला की गिरफ्तारी, जानें- महिलाओं से जुड़े और अधिकार Gorakhpur News

स्त्री की गिरफ्तारी सूर्यास्त के बाद एवं सूर्योदय से पहले नहीं की जा सकती है। यदि आवश्यक हो तो न्यायिक मजिस्ट्रेट की अनुमति के बाद ही महिला पुलिस गिरफ्तारी कर सकेगी।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Tue, 15 Oct 2019 07:22 PM (IST) Updated:Wed, 16 Oct 2019 08:34 AM (IST)
सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले नहीं हो सकती किसी महिला की गिरफ्तारी, जानें- महिलाओं से जुड़े और अधिकार Gorakhpur News
सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले नहीं हो सकती किसी महिला की गिरफ्तारी, जानें- महिलाओं से जुड़े और अधिकार Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम प्रश्न पहर में उप्र राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष अंजू चौधरी ने महिला उत्पीडऩ से संबंधित सवालों का जवाब दिया। प्रश्न पहर में घरेलू हिंसा से संबंधित सर्वाधिक सवाल पूछे गए।

इस समय महिलाओं की गिरफ्तारी नहीं हो सकती

महिलाओं को जागरूक करते हुए उन्होंने बताया कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 46 के अनुसार स्त्री की गिरफ्तारी सूर्यास्त के बाद एवं सूर्योदय से पहले नहीं की जा सकती है। यदि आवश्यक हो तो न्यायिक मजिस्ट्रेट की अनुमति के बाद ही महिला पुलिस गिरफ्तारी कर सकेगी। धारा 125 में भरण-पोषण का उल्लेख है, जबकि धारा 160 के अनुसार किसी स्त्री से, ऐसे स्थान से जिसमें वह निवास करती है, भिन्न किसी स्थान पर हाजिर होने की अपेक्षा नहीं की जाएगी। इसी तरह धारा 327 के अनुसार दुष्कर्म के अपराध की जांच या विचारण बंद कमरे में किया जाएगा। प्रश्न पहर में पहला सवाल कुशीनगर जनपद की इंदू देवी का था।

सवाल : छह माह से मुकदमा दर्ज नहीं हो रहा है, क्या करें?

जवाब - आप आवेदन पत्र तैयार कर एसपी से मिलिए। अगर मुकदमा नहीं होता है तो मुझसे मिलिए।

सवाल - घरेलू हिंसा रोकने के लिए वन स्टाप सेंटर के बारे में बताएं?- विनय पांडेय, एडवोकेट, महराजगंज

जवाब- प्रदेश में तीन जगहों पर वन स्टाप सेंटर खुल चुके हैं। अन्य जगहों पर जल्द ही खुल जाएंगे। इसके खुलने से एक ही जगह पर महिलाओं की समस्याओं का निस्तारण हो सकेगा।

सवाल - बेटी फरेंदा के एक मुस्लिम लड़के के संपर्क में है। मां के खिलाफ दिल्ली महिला आयोग में शिकायत कर दी है।

जवाब- बेटी वयस्क है तो वह अपनी मर्जी से शादी कर सकती है। इसके लिए आप 181 (महिला हेल्प लाइन) की मदद ले सकती हैं। जरूरत पड़ी तो बेटी की काउंसिलिंग भी कराई जाएगी।

सवाल- मेरा अनुदेशक का नवीनीकरण रोक दिया गया है, नवीनीकरण कैसे होगा ? -  किरन सिंह, घुघली

जवाब -इसके लिए शासन से वार्ता कर आपकी समस्या के निराकरण का प्रयास किया जाएगा।

सवाल - पति ने घर से निकाल दिया है। दो साल से मायके में रह रही हूं, अभी तक कुछ नहीं हुआ क्या करूं? --- रेनू जायसवाल, नौतनवां

जवाब- आप फेमिली कोर्ट में जाइए। संबंधित थाने पर घरेलू ङ्क्षहसा की एफआइआर भी कराएं। अगर कोई समस्या आती है तो मुझसे व्यक्तिगत संपर्क करिए, आपकी पूरी मदद की जाएगी।

सवाल- चार साल पूर्व लड़की की शादी नौतनवां में की थी। बेटी को ससुर प्रताडि़त करता है। थाने पर भी गया, लेकिन एफआइआर दर्ज नहीं हुई, क्या करें?

जवाब - फेमिली कोर्ट में दावा करिए। पत्नी व बच्चों के भरण-पोषण का खर्चा पति को देना होता है। मुकदमा दर्ज कराने के लिए नौतनवां थानाध्यक्ष से बात की जाएगी।

सवाल - दामाद ने दूसरी शादी कर ली है, बेटी से तलाक लेने की कोशिश कर रहा है। कैसे न्याय मिलेगा?--मधु वर्मा, शाहपुर

जवाब - जब तक पहली पत्नी से तलाक नहीं हो जाता, पति दूसरी शादी नहीं कर सकता है। अगर आपके दामाद ने दूसरी शादी की है तो उसकी शिकायत पुलिस में करिए। आपकी समस्या का निराकरण कराया जाएगा।

सवाल- बहन की शादी के सात साल हो गए हैं। चार बच्चे हैं। पति ने घर से निकाल दिया है। क्या करें? -- जयप्रकाश, डुमरी

जवाब - घरेलू हिंसा का केस दर्ज कराइए। फेमिली कोर्ट में वाद दायर करिये, कोई समस्या हो तो मुझसे संपर्क करिये। आपकी समस्या का समाधान कराया जाएगा।

सवाल - बेटी की शादी महराजगंज में हुई है। बच्ची भी है। ससुराल वालों ने आरोप लगाकर छोड़ दिया है। क्या करें?  वीरेंद्र गुप्त, कुशीनगर

जवाब - दूसरी शादी अवैध है। पत्नी से तलाक होने तक पति दूसरी शादी नहीं कर सकता है। कोर्ट में जाइए, आपको न्याय मिलेगा।

सवाल - पति को बर्खास्त कर दिया गया था, उनका निधन हो गया है, बेटे को उनकी जगह नौकरी नहीं मिल रही है, क्या करूं?  ---शांति देवी, कुशीनगर

जवाब - इसके लिए संबंधित अधिकारी से वार्ता की जाएगी, जरूरत पड़ी तो शासन के संज्ञान में भी प्रकरण लाया जाएगा।

उपाध्यक्ष से मिलने जागरण कार्यालय पहुंची दो पीडि़त महिलाएं

जागरण कार्यालय में राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष के आने की जानकारी होने पर दो पीडि़त महिलाएं जागरण कार्यालय पहुंची। देवरिया की रीता देवी ने प्रार्थनापत्र देकर न्याय की गुहार लगाई। उनका कहना है कि उनके पिता का फर्जी वसीयत करा लिया गया है। चौरीचौरा की प्रीति जायसवाल ने कहा कि वह एक युवक उनके साथ डेढ़ साल रहा और अब शादी से इन्कार कर रहा है। उपाध्यक्ष ने दो आवेदन पत्र को लेकर समस्या के निराकरण का आश्वासन दिया।

यह भी जानें

-महिलाओं के अधिकारों के लिए 'घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005Ó लागू हुआ।

-कार्य स्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीडऩ (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013।

-हिंदू उत्तराधिकारी अधिनियम की धारा छह के अनुसार वह अधिकार जो पुरुष वंशज उत्तराधिकारियों को प्राप्त थे, वही अधिकार अब स्त्री (पुत्री) वंशज उत्तराधिकारियों को प्राप्त होंगे।

-दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा तीन के अनुसार दहेज लेना और देना दोनों अपराध है। इसमें पांच साल और जुर्माने का प्रावधान है। धारा चार के अनुसार दहेज मांगने पर न्यूनतम छह माह और अधिकतम दो साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।

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