नाव के सहारे नदी के रास्‍ते बिहार पहुंच रही शराब की खेप

नेबुआ- नौरंगिया जटहा बाजार हनुमानगंज खड्डा आदि थाना क्षेत्रों से धंधेबाज देसी व अंग्रेजी शराब नारायणी नदी के तट तक पहुंचाते हैं। उसके बाद वहां से नदी के रास्‍ते नाव पर रखकर बिहार में भेज दिया जा रहा है।

By Edited By: Publish:Mon, 05 Oct 2020 07:00 AM (IST) Updated:Mon, 05 Oct 2020 10:41 AM (IST)
नाव के सहारे नदी के रास्‍ते बिहार पहुंच रही शराब की खेप
छितौनी-बगहा पुल के नीचे से नाव में शराब लेकर जाता धंधेबाज।

गोरखपुर, जेएनएन। सड़क मार्ग पर बढ़ी चौकसी के बाद शराब तस्करी के लिए अब जल मार्ग सुरक्षित साबित हो रहा है। नेपाल से निकल कर बिहार तक जाने वाली नारायणी नदी अब तस्करों के लिए मुफीद स्थल बन गई है। बिहार में पूर्ण शराब बंदी के बाद उत्तर प्रदेश व बिहार के तस्करों का गिरोह सक्रिय हो उठा है।

इसके लिए तस्‍करों ने कुशीनगर जनपद उन क्षेत्रों को सबसे सुरक्षित मान लिया है जहां से उन्‍हें मौन स्‍वीकृति मिलती रहती है। नेबुआ- नौरंगिया, जटहा बाजार, हनुमानगंज, खड्डा आदि थाना क्षेत्रों से धंधेबाज देसी व अंग्रेजी शराब नारायणी नदी के तट तक पहुंचाते हैं और फिर उसे नाव पर रखकर नदी के रास्ते बिहार प्रांत के पश्चिमी व पूर्वी चंपारण के थाना क्षेत्रों में भेज दिया जाता है। हाल में ही डीआइजी गोरखपुर राजेश डी मोदक ने रेंज के बिहार बार्डर से लगने वाले जनपदों के पुलिस अधिकारियों को नदी के रास्ते हो रही शराब तस्करी को लेकर आगाह किया है। इसके बाद जिले के पुलिस अधिकारियों ने भी बार्डर इलाकों का दौरा कर संबंधित थानेदारों को जरूरी निर्देश दिया। तय हुआ कि बिहार चुनाव को लेकर शराब तस्कर और भी सक्रिय होंगे। ऐसे में इस पर रोक लगाने के लिए विशेष सतर्कता बरती जाए। दिन ढलते ही बिहार बार्डर से लगने वाले थानों की पुलिस सक्रियता बरते। मुख्य मार्गों के अलावा पगडंडी व जल मार्ग पर भी कड़ी चौकसी रखी जाए, लेकिन यह निर्देश जमीन पर उतरती नहीं दिख रही है। कुशीनगर के एसपी विनोद कुमार सिंह के अनुसार शराब तस्करी हरहाल में रोकी जाएगी। इस दिशा में जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।

हरियाणा से बिहार भेजने के लिए कुशीनगर पहुंचने लगी शराब

बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही शराब की तस्करी तेज हो गई है। बार्डर इलाकों में महज एक सप्ताह में कुशीनगर पुलिस ने 500 से अधिक पेटी शराब बरामद की है। यह शराब पिकअप से बिहार ले जाई जा रही थी। बरामद शराब में ज्यादातर हरियाणा निर्मित मिली है। यूं तो बिहार में शराब तस्करी की बात नई नहीं है। लगभग चार साल पूर्व बिहार में हुई शराब बंदी के बाद से ही अंतरप्रांतीय तस्करों का गिरोह सक्रिय हो गया। उत्तर प्रदेश, हरियाणा व हिमाचल प्रदेश से बिहार में शराब की तस्करी जोरों पर होने लगी। ऐसे में दोनों प्रांतों की संयुक्त टीम बनी। टीम की जिम्मेदारी बार्डर इलाकों में सघन जांच अभियान चलाकर शराब तस्करी पर रोक लगाना था, लेकिन इसका जमीनी असर नहीं हुआ। बार्डर पर शराब तस्करी जारी है। अब बिहार में विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही शराब तस्करी का धंधा फिर से गति पकड़ने लगा है। रविवार को ही बार्डर इलाके में अंग्रेजी शराब की बड़ी खेप पकड़ी गई। हालांकि एसपी का कहना है कि शराब तस्करी पर रोक लगाने को लेकर पुलिस प्रतिबद्ध है। बिहार में चुनाव को देखते हुए बार्डर पर विशेष चौकसी बरती जा रही है। शराब तस्करों को चिह्नित कर उन पर शिकंजा कसने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।

अब तक हुई बरामदगी

दो सितंबर को तरयासुजान में पिकअप से 14 पेटी शराब बामद हुई। जबकि पांच सितंबर को कुबेरस्थान में ट्रक से 94 पेटी शराब बरामद की गई। वहीं सितंबर को तरयासुजान में पिकअप से 15 पेटी, 15 सितंबर को तरयासुजान में लग्जरी कार से सात पेटी शराब बरामद हुई। 21 सितंबर को तरयासुजान के गाजीपुर गांव में 95 बोतल, 23 सितंबर को पटहेरवा के पटहेरिया में पिकअप से 150 पेटी शराब,  27 सितंबर को तरयाुसजान के लतवा में पिकअप से 253 पेटी शराब बरामद की गई।

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