सियासी दांव-पेंच में बिगड़ी बुनकरों की दशा

संतकबीर नगर इंतजार में कई साल गुजर गए लेकिन सूत डिपो की स्थापना नहीं हो पाई। तमाम बुनक

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 06:20 AM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 06:20 AM (IST)
सियासी दांव-पेंच में बिगड़ी बुनकरों की दशा
सियासी दांव-पेंच में बिगड़ी बुनकरों की दशा

संतकबीर नगर: इंतजार में कई साल गुजर गए, लेकिन सूत डिपो की स्थापना नहीं हो पाई। तमाम बुनकर हथकरघा छोड़कर पावरलूम का शुरू कर दिए। पुराने तय दर की जगह अब यूनिट के हिसाब से बिजली का पैसा देने की व्यवस्था इन्हें रुला रही है। सियासी दांव-पेंच के बीच बुनकरों की दशा बिगड़ती जा रही है।

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जमीन तलाशने आई थीं टीम

23 मई 2013 को आयुक्त एवं निदेशक हथकरघा ने जिले में सूत डिपो की स्थापना के लिए हथकरघा कारपोरेशन को भूमि चिह्नित करने को कहा था। इस पर एनएचडीसी-लखनऊ की टीम तत्कालीन डीएम इंद्रवीर सिंह यादव के समय जमीन तलाशने के लिए जिले में आई थी। इसके बाद से इस पर कोई पहल नहीं हुई।

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हथकरघा और पावरलूम में तैयार होने वाले सामान

हथकरघा आरक्षण अधिनियम के तहत साड़ी, धोती, तौलिया, गमछा, लूंगी, बेडशीट, बेडकवर, पलंगपोश, दरी, ड्रेस मैटेरियल, कंबल, शाल, लोई, मफलर, ऊनी कपड़े व चादर आदि हथकरघा के लिए आरक्षित है। जबकि पैंट, शर्ट व अन्य कपड़े पावरलूम से तैयार किए जा सकते हैं। सूत पर 10 फीसद सब्सिडी की व्यवस्था है। नियमों के उल्लंघन पर सब्सिडी बंद कर दी जाएगी। जुर्माना लगाने के साथ पावरलूम को सीज किया जा सकता है।

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यूं घट रही हथकरघा बुनकरों की संख्या

वित्तीय सत्र 1995-96 में सर्वे हुआ था, उस समय यह जिला बस्ती में था। उस सर्वे में 5575 हथकरघे और इससे जुड़े बुनकरों की संख्या 13413 थी। वित्तीय सत्र 2009-10 में हुए सर्वे में यह संख्या घटकर 50 फीसद हो गई थी। वित्तीय सत्र 2017-18 में हुए सर्वे में जनपद में हथकरघा बुनकरों की संख्या घटकर मात्र 275 रह गई थी। वर्ष 2020-21 में बुनकरों की संख्या मात्र 104 है।

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जिले में हथकरघा व पावरलूम

आबादी - करीब 20 लाख

हथकरघा- 54

हथकरघा से जुड़े बुनकर- 104

पावरलूम- 4222

पावरलूम से जुड़े बुनकर- 17000

बिजली कनेक्शनधरी बुनकर-1407

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बिजली दर से संबंधित पुराना शासनादेश ही लागू है। नए शासनादेश के लागू करने पर भारत सरकार विचार कर रही है। सूत डिपो की स्थापना व महत्वपूर्ण बिदु पर केंद्र स्तर से ही पहल हो सकती है।

रामबड़ाई, सहायक आयुक्त, हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग-गोरखपुर परिक्षेत्र

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वर्ष 2006 से नवंबर-2019 तक 60 इंच तक के पावरलूम पर 71.50 रुपये प्रतिमाह व इससे ऊपर के पावरलूम पर 143 रुपये प्रतिमाह बिजली का दर निर्धारित था। चार दिसंबर 2019 में नया शासनादेश जारी करके यूनिट के हिसाब से बिजली का पैसा देने की व्यवस्था कर दी गई। आंदोलन करने पर प्रदेश सरकार ने पुराने शासनादेश को जुलाई-2020 तक के लिए बढ़ा दिया था। पुन: अगस्त-2020 से यूनिट के हिसाब से बिजली बिल का पैसा अदा करने की व्यवस्था कर दी गई।

हाजी इमामुद्दीन अंसारी, जिलाध्यक्ष-उत्तर प्रदेश बुनकर सभा

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