बारिश में जर्जर सड़कों की स्थिति खतरनाक
जर्जर सड़कों का खामियाजा इन दिनों राहगीरों को भुगतना पड़ रहा है। महीनों से गड्ढों में तब्दील सड़क को ठीक कराने की मांग क्षेत्रवासी करते रहे परंतु कोई ध्यान नहीं दिया गया। नतीजा इन दिनों बारिश के मौसम में मार्गों की स्थिति खतरनाक हो गई है। राहगीरों का आवागमन तो कष्टदायक बना ही है थोड़ी चूक पर कोई भी यहां दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं।
सिद्धार्थनगर : जर्जर सड़कों का खामियाजा इन दिनों राहगीरों को भुगतना पड़ रहा है। महीनों से गड्ढों में तब्दील सड़क को ठीक कराने की मांग क्षेत्रवासी करते रहे, परंतु कोई ध्यान नहीं दिया गया। नतीजा इन दिनों बारिश के मौसम में मार्गों की स्थिति खतरनाक हो गई है। राहगीरों का आवागमन तो कष्टदायक बना ही है, थोड़ी चूक पर कोई भी यहां दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं।
खुनियांव ब्लाक क्षेत्र में कठेला चेतिया मार्ग से धोबहा पठान डीह होते हुए सड़क जुनैदडीह धोबहा तक गई है। तीन किमी दूरी के मार्ग पर चलना किसी सजा से कम नहीं है। कठेला से बाजार डीह, सिकरी नाला पुल तक, बढ़या से इटवा मार्ग, बेलवा मार्ग से भरभरसांथा मार्ग की स्थिति इन दिनों बद से बदतर है। सड़क में बने विशाल गड्ढों में पानी भर जाने से कभी भी कोई हादसा हो सकता है। धोबही के पास सड़क पर पानी एकत्रित होने से लोगों को परेशानियां उठानी पड़ रही है।
राम कुमार, अजमद, सुहेल, राम अवतार आदि ने कहा कि बारिश में इन मार्गों पर सफर करना जान जोखिम में डालने के बजाए है। बरसात से पहले अगर विभागीय अधिकारी चेत जाते और सड़क की मरम्मत करा देते तो आज यह स्थिति न होती । जिला पंचायत सदस्य आयशा खान ने कहा कि वास्तव में ये मार्ग बहुत ही खराब है। कई जगहों पर सड़क अस्तित्व खो चुकी है। उन्होंने स्वयं पीडब्लूडी के अधिकारियों को इसकी दशा सुधारने के लिए पत्र लिखा है। परसा कुंडी-रसूलपुर-कोहलडीह सड़क टूटी, बना तालाब सिद्धार्थनगर : लोकनिर्माण विभाग की परसा से कुंडी-रसूलपुर होते हुए कोहलडीह तक एक दशक पुरानी सड़क की दशा इतनी दयनीय है कि कहीं- कहीं बारिश व घरों के पानी तालाब बन गई है। कहने को विभाग ने मरम्मत कराया, लेकिन मानक विहीन काम। चन्द माह भीतर गिट्टियां हवा से बातें कर उड़ गईं। जिससे मुसाफिर आए दिन गिर कर चोटहिल हो रहे हैं। विभागीय शिथिलता से लोगों की समस्या और आक्रोश बढ़ रहा है।
रसूलपुर निवासी अबु हुरैरा ने कहा कि सड़क इतनी जर्जर है डुमरियागंज-बांसी मार्ग पर स्थित परसा चौराहे से निकलते ही पोखरा बन गई है। करीब दो फीट गहरा बड़ा गड्ढा होने व जलजमाव से समस्या विकराल है। सुरजी निवासी राम बहाल जो परसा चौराहे पर दुकान चलाते हैं, कहते हैं कि जलजमाव से उठ रही दुर्गंध से सांस लेना दूभर हो गया है। उमस व गर्मी के कारण संक्रामक रोग के पनपने का भय भी व्याप्त है।जलनिकासी की व्यवस्था न होने सड़क नाला का रूप ले लिया है। यदि मरम्मत के समय विभाग उच्चीकृत करा देता तो न सड़क टूटती न ही जलजमाव की नौबत आती।गौराही बुजुर्ग की देवी कहती हैं कि सड़क इतनी जर्जर है कि इस पर चलने में रूह कांपती है। हल्की से बारिश में गड्ढों में जलजमाव होने पर सकुशल आवागमन करना टेढ़ी खीर है। थोड़ी चूक होने पर भारी वाहन गुजरने पर कपड़े खराब हो जाते हैं। अधिशासी अभियंता लोनिवि बांसी राजेश कुमार ने कहा कि सड़क की मरम्मत कराई जाएगी।