नई गाइड लाइन से धान बेचने वाले किसानों की चिंता बढ़ी
कुशीनगर किसान धान बेचने के नए नियम से परेशान हो गए हैं उन किसानों को सर्वाधिक दिक्कत है जिनके खेत एक से अधिक तहसील क्षेत्र में हैं इस बार नियम बना है कि केवल एक ही तहसील क्षेत्र के रकबा का पंजीकरण होगा ऐसे किसान परेशान हैं।
कुशीनगर : वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए घोषित समर्थन मूल्य पर धान खरीद की जो गाइड लाइन शासन से जारी की गई है, उससे किसानों की चिता बढ़ गई है। नई गाइड लाइन के मुताबिक एक तहसील क्षेत्र का रकबा ही आनलाइन पंजीकृत होगा। जिन किसानों के खेत दो या अधिक तहसील क्षेत्रों में है, वहां के रकबा का पंजीकरण नहीं हो पाएगा। इस वजह से किसान वहां का धान नहीं बेच पाएंगे।
कसया तहसील के अमवां बुजुर्ग गांव के कई किसानों की भूमि तमकुही और पडरौना तहसीलों में भी है। जहां धान व गेहूं की खेती करते हैं। अगर इनके कसया तहसील क्षेत्र की भूमि का रकबा ही पंजीकृत होगा तो तमकुही व पडरौना का उत्पादन क्रय केंद्रों पर नहीं बेच पाएंगे। चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय कानपुर के सेवानिवृत्त डीन डा. अमरनाथ त्रिपाठी की कसया, तमकुही और पडरौना तहसील में खेती है। वह तीनों जगह धान की बोआई किए हैं। उन्होंने बताया कि नई गाइड लाइन ने परेशानी खड़ी कर दी है। मजबूरी में बिचौलियों के हाथ धान बेचना पड़ेगा। अनिरुद्ध दूबे, संजय सिंह, अशोक उपाध्याय, धर्मेंद्र सिंह, रामप्रताप सिंह, कृष्णमोहन दूबे, सत्येंद्र सिंह, नागेंद्र सिंह, हरि सिंह आदि किसानों ने धान की खरीदारी में एक से अधिक तहसीलों के रकबा पर लगाया गया प्रतिबंध हटाने की मांग की है।
रसायन छिड़क कर पेड़ सुखाने का आरोप
जटहां थाना क्षेत्र के पड़रही गांव के मोहन सिंह ने एसडीएम को शिकायती पत्र सौंपकर अपने ही गांव के एक व्यक्ति पर आरोप लगाया है कि रंजिश की वजह से उसने सागौन के पेड़ को सुखाने के लिए रसायन छिड़क दिया है। जिससे पौधे धीरे-धीरे सुखने लगे हैं।
शिकायतकर्ता ने एसडीएम को बताया कि कटाई भरपुरवा गांव के अर्जुन छपरा मौजा स्थित खेत में कई वर्ष पहले सागौन के 70 पौधे लगाए थे जो अब बड़े हो गए हैं। उन्हें सुखा दिया गया है। एसडीएम अरविद कुमार ने एसएचओ जटहां बाजार को मामले में कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।