गोरखपुर नगर निगम से कंट्रोल होगी शहर की यातायात व्‍यवस्‍था

स्मार्ट एंड सेफ सिटी में गोरखपुर को शासन ने 50.32 करोड़ रुपये दिए हैं। इन रुपयों से सेफ सिटी की परिकल्पना को साकार किया जाएगा। इसके तहत 21 चौराहों पर सामान्य कैमरे के साथ ही रेड लाइट वायलेशन डिटेक्शन (आरएलवीडी) कैमरे लगाए जाएंगे।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 04:49 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 04:49 PM (IST)
गोरखपुर नगर निगम से कंट्रोल होगी शहर की यातायात व्‍यवस्‍था
गोरखपुर नगर निगम भवन का फाइल फोटो, जागरण।

गोरखपुर, जेएनएन। राज्य स्मार्ट एंड सेफ सिटी में शामिल गोरखपुर शहर की यातायात व्यवस्था नगर निगम से कंट्रोल होगी। नगर निगम के सदन भवन में इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आइटीएमएस) में कंट्रोल रूम बनाया जाएगा।

स्मार्ट एंड सेफ सिटी में गोरखपुर को शासन ने 50.32 करोड़ रुपये दिए हैं। इन रुपयों से सेफ सिटी की परिकल्पना को साकार किया जाएगा। इसके तहत 21 चौराहों पर सामान्य कैमरे के साथ ही रेड लाइट वायलेशन डिटेक्शन (आरएलवीडी) कैमरे लगाए जाएंगे। इसके अलावा रेड लाइट, पब्लिक एड्रेस सिस्टम की भी व्यवस्था की जाएगी। नौ चौराहों पर रेड लाइट लगाने का काम पूरा भी हो चुका है।

पुलिस लाइन में है कंट्रोल रूम

स्मार्ट सिटी एंड सेफ सिटी का काम नगर निगम प्रशासन करा रहा है। जिन चौराहों पर आइटीएमएस का काम पूरा हो रहा है वहां की व्यवस्था पर निगरानी के लिए पुलिस लाइन में कंट्रोल रूम बनाया गया है। जगह कम होने के कारण कंट्रोल रूम अपनी पूरी क्षमता से काम नहीं कर पा रहा है। नगर निगम में कंट्रोल रूम बनने के बाद यातायात नियमों का पालन न करने वालों के चालान में तेजी आएगी। साथ ही पुलिस का पूरे शहर की यातायात व्यवस्था पर एक ही जगह से नियंत्रण हो जाएगा।

23.45 करोड़ से बन रहा है सदन भवन

नगर निगम परिसर में 23.45 करोड़ रुपये की लागत से सदन भवन का निर्माण तेजी से चल रहा है। मार्च 2020 में इसका निर्माण शुरू हुआ। मार्च 2022 में निर्माण पूरा होने का लक्ष्य रखा गया है। हालांकि अफसरों का कहना है कि निर्धारित समयसीमा से पहले ही निर्माण पूरा करा लिया जाएगा। नगर आयुक्त अविनाश सिंह का कहना है कि निर्माणाधीन सदन भवन में एक बड़ा हाल कंट्रोल रूप के लिए निर्धारित किया जाएगा। यातायात विभाग कंट्रोल रूम संचालित करेगा। बता दें‍ कि अभी तक गोरखपुर में ऐसी कोई व्‍यवस्‍था नहीं थी जहां पर एक ही जगह से यातायात व्‍यवस्‍था को संचालित किया जा सके। यह प्रयोग पहली बार किया जा रहा है।

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