नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने नगर आयुक्‍त से कहा, मेरे साथ हो रहा दोयम दर्जे का व्यवहार, मुझे हटा दें

गोरखपुर के नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. मुकेश रस्तोगी ने नगर आयुक्त को पत्र ल‍िखकर उनपर दोयम दर्जे का व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए हटाने का अनुरोध किया है। डा. मुकेश रस्तोगी उप नगर स्वास्थ्य अधिकारी पद अख‍िलेश श्रीवास्‍तव की तैनाती से नाराज हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 07:02 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 07:02 PM (IST)
नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने नगर आयुक्‍त से कहा, मेरे साथ हो रहा दोयम दर्जे का व्यवहार, मुझे हटा दें
उप नगर स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर नई तैनाती को लेकर नगर न‍िगम में व‍िवाद छिड़ गया है। - जागरण

गोरखपुर, जेएनएन। मुख्य सफाई निरीक्षक अखिलेश श्रीवास्तव को उप नगर स्वास्थ्य अधिकारी का पद देने से नाराज नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. मुकेश रस्तोगी ने नगर आयुक्त को पत्र लिखा है। डा. रस्तोगी ने नगर आयुक्त पर दोयम दर्जे का व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए हटाने का अनुरोध किया है।

अखिलेश श्रीवास्तव को उप नगर स्वास्थ्य अधिकारी बनाने से हैं नाराज

शहर की सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने और जिम्मेदारी तय करने के लिए नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने 27 मई को अखिलेश श्रीवास्तव को उप नगर स्वास्थ्य अधिकारी का पद दायित्व सौंपा। मंगलवार को नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. मुकेश रस्तोगी ने नगर आयुक्त को पत्र लिखा। इसमें उन्होंने बताया कि शासन ने मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी, नगर स्वास्थ्य अधिकारी और वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी का ही पद सृजित किया है।

नगर आयुक्‍त पर लगाया यह आरोप

नगर निकायों में कार्यरत कर्मचारियों को उनके मूल पद से उच्‍च पद का कार्य नहीं लिया जा सकता है। उन्‍होंने आरोप लगाया कि नगर आयुक्त उनके साथ दोयम दर्जे का व्यवहार कर रहे हैं। इस कारण नगर निगम में मैं खुद को उपेक्षित महसूस कर रहा हूं। कनिष्ठ कर्मचारी भी अब मेरी बात नहीं मान रहे हैं। ऐसी स्थिति में नगर निगम में काम करने में दिक्कत हो रही है। नगर निगम से कार्यमुक्त कर मुझे मूल विभाग में भेज दिया जाए। नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने महापौर, मंडलायुक्त और डीएम को भी पत्र की कापी दी है।

पार्षदों से हुआ था विवाद

नगर स्वास्थ्य अधिकारी का कुछ दिनों पहले नगर निगम सदन की बैठक में पार्षदों से विवाद हुआ था। तब पार्षदों ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी पर फोन काल न रिसीव करने और काम न कराने का आरोप लगाया था। पार्षदों से तू-तू, मैं-मैं शुरू हुई तो नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने बीच-बचाव कर सभी को शांत कराया।

काम का बढ़ रहा है बोझ

नगर आयुक्त अविनाश सिंह सुबह आठ बजे से पहले अफसरों के साथ क्षेत्र में सफाई व्यवस्था का निरीक्षण करने निकल जाते हैं। उनके साथ सभी अफसरों को क्षेत्र में निकलना पड़ता है, नागरिकों से बात कर उनकी समस्याओं का समाधान कराना होता है। फील्ड से अफसरों को नगर निगम पहुंचकर जनता से जुड़ी समस्याओं का समाधान कराने के निर्देश हैं। कुछ अफसर और कर्मचारी काम के बोझ से परेशान हैं।

नगर स्वास्थ्य अधिकारी नगर निगम परिवार के वरिष्ठ सदस्य हैं। मैं सभी का अभिभावक हूं। कोई समस्या है तो सीधे मुझसे बात करनी चाहिए थी। बुधवार को उनके साथ बैठक करूंगा। सभी दिक्कतों को दूर कराया जाएगा। वह मेहनती अफसर हैं। उन्हीं के अनुरोध पर अनुभवी सहयोगी के रूप में अखिलेश श्रीवास्तव को उनके अधीन जिम्मेदारी दी गई है। - अविनाश सिंह, नगर आयुक्त।

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