स्‍कूलों में नहीं थे कमरे, बच्चों की पढ़ाई में हो रही थी परेशानी Gorakhpur News

राज्य परियोजना द्वारा जिन परिषदीय विद्यालयों में शिक्षण के लिए कक्षों का अभाव था उन जनपदों से प्रस्ताव मांगे थे। इसी आधार पर गोरखपुर जिले में भी सत्र-2020-21 में 49 अतिरिक्त कक्षा कक्षों के लिए धन स्वीकृत किए गए।

By Satish chand shuklaEdited By: Publish:Mon, 22 Feb 2021 01:05 PM (IST) Updated:Mon, 22 Feb 2021 01:05 PM (IST)
स्‍कूलों में नहीं थे कमरे, बच्चों की पढ़ाई में हो रही थी परेशानी Gorakhpur News
उत्‍तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद की प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। परिषदीय विद्यालयों में छात्रों की संख्या अधिक होने पर शिक्षण कक्ष उनकी पढ़ाई में बाधा नहीं बनेगा। शासन द्वारा जनपद के 49 विद्यालयों में अतिरिक्त कक्षा कक्ष के निर्माण के लिए धन अवमुक्त करने के साथ ही 37 स्कूलों में निर्माण कार्य आरंभ हो चुका है। शेष बारह विद्यालयों में भूमि की उपलब्धता नहीं होने के कारण अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है।

जनपद के 37 परिषदीय स्कूलों में हो रहा अतिरिक्त कक्षा कक्ष का निर्माण

राज्य परियोजना द्वारा जिन परिषदीय विद्यालयों में शिक्षण के लिए कक्षों का अभाव था उन जनपदों से प्रस्ताव मांगे थे। इसी आधार पर गोरखपुर जिले में भी सत्र-2020-21 में 49 अतिरिक्त कक्षा कक्षों के लिए धन स्वीकृत किए गए। साथ ही शासन ने स्पष्ट निर्देश दिया कि शिक्षण कक्षों का निर्माण हर हाल में मानक के अनुरूप कराया जाए। धन अवमुक्त होने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापकों से कक्षों के निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध कराने को कहा, जिसमें से सिर्फ 37 विद्यालय ही भूमि उपलब्ध करा सकें। शेष में भूमि के अभाव में अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है।

प्रति शिक्षण कक्ष मिले हैं 4.70 लाख

शासन ने अतिरिक्त शिक्षण कक्षों को मानक के अनुरूप निर्माण के लिए प्रति विद्यालय 4.70 लाख अवमुक्त किए हैं। जिला समन्वयक निर्माण को समय-समय पर निरीक्षण कर निर्माण कार्यों का जायजा लेना है, ताकि निर्माण मानक के अनुरूप कराना सुनिश्चित किया जा सके।

जिला समन्‍वयक रमेश चंद्र का कहना है कि शासन द्वारा अवमुक्त धन से जिन विद्यालयाें में भूमि उपलब्ध थी वहां अतिरिक्त कक्षा कक्षों का निर्माण आरंभ करा दिया गया है। बीच-बीच में निर्माण कार्यों का सर्वेक्षण किया जाता है, ताकि मानक के अनुरूप निर्माण कार्य हो सके। मार्च के अंत तक निर्माण कार्य पूर्ण हो जाएगा। जिससे नए सत्र में कक्षाओं का संचालन कराया जा सके।

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