जूनियर बनाए गए 160 दारोगाओं की कैरेक्टर रोल की होगी जांच, डीआइजी के पास पहुंचा दस्‍तावेज Gorakhpur News

एडीजी अखिल कुमार ने कहा कि गोरखपुर में 2015 2016 2017 व 2018 बैच के दरोगाओं के पीएनो में गड़बड़ी का मामला संज्ञान में आया है। यह गड़बड़ी कैसे हुई इस पर विभागीय जांच कराई जा रही है। ।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 05:27 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 05:39 PM (IST)
जूनियर बनाए गए 160 दारोगाओं की कैरेक्टर रोल की होगी जांच, डीआइजी के पास पहुंचा दस्‍तावेज Gorakhpur News
कैरेक्‍टर रोल जांच करने के संबंध में प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो, जेएनएन।

गोरखपुर, जेएनएन। विभागीय गड़बड़ी से जूनियर बन गए 160 दारोगा का कैरेक्टर रोल डीआइजी टेक्निकल सर्विसेज को भेजी गई है। एसएसपी के जानकारी देने पर सभी दारोगाओं के कैरेक्टर रोल की सत्यापित कापी मांगी गई थी। उम्मीद है कि जल्द ही पीएनओ की गड़बड़ी ठीक हो जाएगी। एडीजी जोन अखिल कुमार इस मामले की मानीटरिंग कर रहे हैं।

एडीजी जोन अखिल कुमार कर रहे है मामले की मानीटरिंग

एडीजी अखिल कुमार ने कहा कि गोरखपुर में 2015, 2016, 2017 व 2018 बैच के दरोगाओं के पीएनो में गड़बड़ी का मामला संज्ञान में आया है। यह गड़बड़ी कैसे हुई, इस पर विभागीय जांच कराई जा रही है। साथ ही पीएनो ठीक कराने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। इसके लिए एसएसपी गोरखपुर को निर्देश दिए गए हैं। वह स्वंय इस को देखे और जल्द निस्तारण कराएं। एसएसपी दिनेश कुमार पी ने बताया कि डीआइजी टेक्निकल सर्विसेज को पहले दारोगा की सूची भेजी गई थी।स्पेशल मैसेंजर से कैरेक्टर रोल की सत्यापित कापी भेजी गई है।उम्मीद है कि जल्द ही गड़बड़ी ठीक हो जाएगी।

यह है मामला

जिले में तैनात 2015 बैच के दारोगा की ट्रेनिंग नवंबर 2015 में शुरू हुई थी। ट्रेनिंग पूरी करने के बाद वर्ष 2017 में उन्हें जिला आवंटित हुआ और अगस्त 2017 में 160 दारोगा गोरखपुर में ज्वाइन किए। लेकिन इन दारोगाओं का पीएनो नम्बर 2017 का आवंटित कर दिया। जबकि दूसरे जिले में आमद करने वाले उनके दूसरे साथियों को 2015 बैच जारी हुआ। इसी तरह 2017 बैच के दारोगा ने 2017 में ट्निंग की। लेकिन जिन लोगों ने ट्रेनिंग पूरी कर अन्य जिलों में आमद किया, उन्हें 2017 बैच मिला और जिन लोगों ने गोरखपुर जिले में आमद किया, उन्हें 2018 बैच का पीएनओ जारी कर दिया गया।

विभागीय त्रुटि के चलते जूनियर बनाए गए 160 दारोगाओं को उम्‍मीद है कि अब उनकी सुनी जाएगी और उनके साथ न्‍याय होगा। वैसे जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि गड़बड़ी कहां से हुई है। यदि विभागीय गड़बड़ी समाने आई तो दारोगाओं को काफी राहत मिल सकती है।

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