कुशीनगर में चेतावनी बिंदु पर पहुंची उफनाई नारायणी

कुशीनगर में नारायणी नदी ने अब गांवों में प्रवेश कर लिया है पांच दिन से मूसलधार बारिश की वजह से नदी का डिस्चार्ज चार लाख क्यूसेक से अधिक हो गया है तटवर्ती कई गांवों में रिहायशी झोपड़ियां ढह गई हैं बाढ़ की वजह से दियारा में संकट बढ़ गया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 11:17 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 11:17 PM (IST)
कुशीनगर में चेतावनी बिंदु पर पहुंची उफनाई नारायणी
कुशीनगर में चेतावनी बिंदु पर पहुंची उफनाई नारायणी

कुशीनगर : पांच दिन से लगातार हो रही मूसलधार बारिश और वाल्मीकिनगर बैराज से डिस्चार्ज में वृद्धि से नारायणी नदी का जलस्तर चेतावनी बिदु पर पहुंच गया है। खड्डा ब्लाक के महदेवा, शिवपुर, हरिहरपुर, नरायनपुर, विध्याचलपुर, सालिकपुर समेत कई गावों में बाढ़ का पानी घुस गया है। सोमवार शाम से ही नदी का जलस्तर बढ़ने लगा था। बुधवार को शाम चार बजे बैराज से 412000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद दियारा के कई गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। रेता इलाके में कई संपर्क मार्ग कट गए हैं। तहसील प्रशासन गांवों में बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद में जुटा है।

नेपाल की पहाड़ियों पर लगातार बारिश होने से नदी में डिस्चार्ज बढ़ता जा रहा है तो मूसलधार बारिश से भी नारायणी का जलस्तर बढ़ रहा है। मंगलवार की रात 3,50,000 क्यूसेक डिस्चार्ज का असर मरिचहवा, बसंतपुर, शिवपुर, नरायनपुर के साथ नदी के इस पार के गांव महदेवा व सालिकपुर में दिखने लगा। मरिचहवा के उत्तर व पूरब टोला की संपर्क सड़क, बसंतपुर के दक्षिण व उत्तर टोला की सड़क टूट गई है। रोहुआ पिच मार्ग मंगलवार को दोपहर में ही कट गया था। पानी से घिरे गांवों से अब लोगों को नाव से ही निकाला जा सकता है। शिवपुर प्राथमिक विद्यालय व पुलिस चौकी में पानी घुस गया है। शिवपुर, हरिहरपुर, नरायनपुर मार्ग से महराजगंज के सोहगीबरवा जाने वाली सड़क पर कमर से ऊपर पानी बह रहा है। महदेवा गांव के खास टोला, स्कूल टोला व पिच रोड पर पानी बह रहा है। सालिकपुर गांव के पंचायत भवन, आंगनबाड़ी केंद्र, प्राथमिक विद्यालय परिसर में भी बाढ़ का पानी भर गया है। छितौनी-दरगौली तटबंध की मरम्मत व गैप नहीं भरे जाने से बाढ़ का पानी छितौनी कस्बा के बड़हरवा टोला, बलुआ टोला, बीड़ीगंज, नरकहवां में घुसने लगा है। पिछले वर्ष छितौनी-तमकुही रेल लाइन का गाइड बांध पड़ोसी प्रांत बिहार के श्रीपतनगर के समीप 200 मीटर टूट गया था। उसकी मरम्मत न कराए जाने से उधर से भी पानी छितौनी कस्बा की ओर आ रहा है। गन्ना, केला व धान की फसलें डूब गई हैं। पालतू जानवरों के समक्ष चारे का संकट उत्पन्न हो गया है। महदेवा, शिवपुर व मरिचहवा में डेढ़ दर्जन रिहायशी झोपड़ियां ढह गई हैं। बाढ़ पीड़ित मेराज आलम, रवींद्र कुशवाहा, उदयभान भारती, रामप्रवेश, महातम, मनोज, महावीर, महदेवा के प्रधान नथुनी कुशवाहा, शिवपुर के प्रधान आनंद प्रकाश, सालिकपुर के प्रधान रामभजू चौहान आदि ने बताया कि बाढ़ का पानी गांवों में भर रहा है। पानी के साथ आ रहे जहरीले जीव-जंतु घरों में घुस रहे हैं। मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है, छोटे बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग व बीमार लोगों को दिक्कत हो रही है। लोग मचानों पर रहने को मजबूर हैं।

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