पांच अफगानी नागरिकों की जमानत अर्जी अदालत ने ठुकराई Gorakhpur News
वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी पांचों अफगानी नागरिक गोरखपुर में रह रहे थे। एलआइयू इंस्पेक्टर कविता भंडारी ने उन्हें गिरफ्तार किया था।
गोरखपुर, जेएनएन। अवैध रूप से गोरखपुर में रहते हुए पकड़े गए पांच अफगानी नागरिकों की जमानती अर्जी अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ओमप्रकाश मिश्र ने ठुकरा दी है। वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी पांचों अफगानी नागरिक गोरखपुर में रह रहे थे। एलआइयू इंस्पेक्टर कविता भंडारी ने उन्हें गिरफ्तार किया था। कोतवाली इलाके के जगरनाथपुर मोहल्ले से अफगानिस्तानी नागरिक असदुल्ला, अब्दुल्ला, फैज मोहम्मद, दाउद खान, नूर आगा को 18 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था। उनकी जमानत अर्जी के विरोध में सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सौरभ श्रीवास्तव और धीरेंद्र जायसवाल ने अभियोजन का पक्ष रखा। बचाव पक्ष की भी दलील सुनने के बाद अदालत ने जमानती अर्जी खारिज कर दी।
पुलिस अधिकारी बनकर फर्जीवाड़ा करने वाले की जमानत अर्जी खारिज
गोरखपुर, जेएनएन। प्रभारी जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुशील कुमार शशि ने पुलिस अधिकारी बताकर फर्जीवाड़ा करने के आरोपित राहुल कुमार पांडेय की जमानत अर्जी खारिज कर दी। आरोपित खुद को बिहार पुलिस में डीआइजी बता कर पुलिसकर्मियों को मनचाही तैनाती दिलाने का झांसा देकर वसूली करता था। कुछ दिन पहले बड़हलगंज पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
बड़हलगंज का निवासी है जालसाज
बड़हलगंज के गोला मोहल्ला निवासी राहुल ने 10 जून को एसएसपी डॉ. सुनील गुप्त को डीआइजी बनकर फोन किया था। उनके साथ बड़हलगंज इंस्पेक्टर और एक उप निरीक्षक को भी कांफ्रेंस पर लिया। एसएसपी से बातचीत के दौरान उसने बड़हलगंज इंस्पेक्टर और उप निरीक्षक के लिए अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया। इस मामले में उप निरीक्षक अमित कुमार की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने छानबीन की तो पता चला कि वह खुद को कभी डीआइजी बता कर पुलिसवालों से तो कभी मुख्यमंत्री के जनता दरबार का संरक्षक बताकर धनउगाही करता है। जमानत अर्जी का विरोध करते हुए जिला शासकीय अधिवक्ता यशपाल सिंह ने अदालत के सामने अभियोजन का पक्ष रखा। अदालत ने जमानत अर्जी खारिज कर दी।