एप बताएगा किस अस्‍पताल में मिलेगा ऑक्सीजन, छह घंटे पहले ही प्रशासन को मिल जाएगी ऑक्‍सीजन खत्‍म होने की जानकारी

कोविड के बढ़ते संक्रमण की वजह से आक्सीजन की मांग पर मची अफरा-तफरी को समाप्त करने के लिए पिछले दिनों शासन ने प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से आक्सीजन आडिट कराने का निर्णय लिया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने आडिट के लिए आइआइटी कानपुर की एक फुलप्रूफ एप बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 04 May 2021 07:05 AM (IST) Updated:Tue, 04 May 2021 07:35 PM (IST)
एप बताएगा किस अस्‍पताल में मिलेगा ऑक्सीजन, छह घंटे पहले ही प्रशासन को मिल जाएगी ऑक्‍सीजन खत्‍म होने की जानकारी
गोरखपुर का मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, डा. राकेश कुमार राय। अस्पतालों में आक्सीजन की कमी न हो, किसी मरीज को इसकी कमी की वजह जान न गंवानी पड़े। इसके लिए मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय और मंडल प्रशासन ने मिलकर एक योजना तैयार की है। योजना के तहत प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय एप के माध्यम से ऐसी व्यवस्था देने जा रहा है, जिससे प्रशासन को अस्पतालवार आपूर्ति, खपत और डिमांड की जानकारी एक क्लिक में मिल जाएगी।

ऑक्‍सीजन आडिट कराने का निर्णय

कोविड के बढ़ते संक्रमण की वजह से आक्सीजन की मांग पर मची अफरा-तफरी को समाप्त करने के लिए पिछले दिनों शासन ने प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से आक्सीजन आडिट कराने का निर्णय लिया। निर्देश मिलने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने आडिट के लिए आइआइटी कानपुर की एक फुलप्रूफ एप बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी। 

आपूर्ति की प्राथमिकता तय करने में होगी आसानी

इसी बीच आडिट के सिलसिले में ही एक बैठक कमिश्नर और कुलपति की टीम के बीच हुई। इसमें अधिकारियों ने अस्पतालों से आक्सीजन की स्थिति की सही जानकारी न मिलने की वह समस्या साझा की, जिसके चलते डिमांड और आपूर्ति का संतुलन नहीं बन पा रहा। अधिकारियों ने इच्छा व्यक्त की कि यदि आडिट के लिए बन रहे एप में कोई ऐसा फीचर भी रहे, जिससे अस्पताल में आक्सीजन खत्म की जानकारी प्रशासन को छह घंटे पहले मिल जाए तो उन्हें आक्सीजन आपूर्ति के लिए प्राथमिकता तय करने में आसानी होगी। 

कुलपति ने किया आश्वस्त 

इस पर कुलपति और उनकी टीम ने उन्हें तत्काल इस तरह का फीचर देने के लिए न केवल आश्वस्त कर दिया बल्कि एप में एक ऐसा फीचर को जोड़ने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी, जिससे आक्सीजन समाप्त होने से छह घंटे पहले ही जानकारी मिल जाएगी। एप पर आक्सीजन की स्थिति अपडेट करने के लिए हर अस्पताल में नोडल अधिकारी सुनिश्चित करने पर भी सहमति बनी। एप का इस्तेमाल शुरू होते ही अधिकारी मोबाइल फोन से भी सही समय पर आक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित कर सकेंगे। इससे आक्सीजन को लेकर चल रही कालाबाजारी पर भी लगाम लगेगी।

विवि को मदद के लिए नामित किए गए अधिकारी

आडिट और आक्सीजन की खपत, आपूर्ति व मांग पर नियंत्रण के लिए एप तैयार कर रहे प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को प्रशासन का सहयोग नियमित मिलता रहे, इसके लिए कमिश्नर ने एक टीम बनाई है। टीम का नेतृत्व अपर आयुक्त न्यायिक रतिभान को सौंपा गया है। सहायक आयुक्त (औषधि) एजाज अहमद और जेई/एईएस के नोडल अधिकारी डा. वीके श्रीवास्तव उनका सहयोग करेंगे।

हर जरूरतमंद को आक्सीजन उपलब्ध हो जाए, इसके लिए प्रशासन को तकनीकी रूप से हर संभव मदद की जा रही है। तैयार हो रहे एप में हर वो फीचर उपलब्ध रहेगा, जिसकी आक्सीजन व्यवस्था नियंत्रण में प्रशासन को दरकार है। - प्रो. जेपी पांडेय, कुलपति, एमएमएमयूटी।

एप के बन जाने से आक्सीजन व्यवस्था को नियंत्रण करना आसान हो जाएगा। समय से अगर आक्सीजन की कमी का पता चल जाएगा तो वहां आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी। उसके बाद कालाबाजारी भी संभव नहीं हो सकेगी। - जयंत नार्लिकर, कमिश्नर, गोरखपुर।

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