CBSE Board 10th Result: दसवीं के विद्यार्थियों का आरोप, बिना कसूर कर दिए गए फेल

गोरखपुर में एनई रेलवे बालक इंटर कालेज के सीबीएसई बोर्ड के दसवीं के 85 विद्यार्थियों ने प्रधानाचार्य पर फेल करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि सरकार के निर्देशानुसार कोरोना के कारण दसवीं के जिन छात्रों को प्रोन्नत किया गया था उन्हें प्रधानाचार्य ने फेल कर दिया है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 10 Aug 2021 03:03 PM (IST) Updated:Tue, 10 Aug 2021 03:03 PM (IST)
CBSE Board 10th Result: दसवीं के विद्यार्थियों का आरोप, बिना कसूर कर दिए गए फेल
सीबीएसई बोर्ड के विद्यार्थियों ने प्रधानाचार्य पर फेल करने का आरोप लगाया है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। एनई रेलवे बालक इंटर कालेज के सीबीएसई बोर्ड के दसवीं के 85 विद्यार्थियों ने प्रधानाचार्य पर बिना किसी कसूर फेल करने व विद्यालय में बाहरी छात्रों का प्रवेश लेने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि सरकार के निर्देशानुसार कोरोना के कारण दसवीं के जिन छात्रों को प्रोन्नत किया गया था उन्हें प्रधानाचार्य ने फेल कर बाहर कर दिया है।

एनई रेलवे बालक इंटर कालेज के प्रधानाचार्य पर छात्रों ने लगाया आरोप

इस मामले को लेकर विद्यार्थी व अभिभावक सोमवार को पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार ङ्क्षसह से मिले। इस दौरान विद्यार्थियों ने सीपीआरओ को बताया कि कोरोनाकाल के दौरान जब सभी शिक्षण संस्थान बंद थे, तब कोविड-19 प्रोटोकाल का उल्लंघन करते हुए प्रधानाचार्य ने सभी को अचानक स्कूल आने का आदेश दिया। यही नहीं बिना किसी पूर्व सूचना के परीक्षा आयोजित कर ली।

दसवीं के 85 छात्रों के फेल होने पर सीपीआरओ से मिले छात्र व अभिभावक

इसको आधार बनाकर 85 छात्र-छात्राओं को फेल घोषित कर दिया और बाहरी छात्रों का प्रवेश ले लिया। सीपीआरओ से मिलने वालों में विजय कुमार श्रीवास्तव, निखिल पांडेय, आनंद शर्मा, आशीष व छात्र-छात्राएं शामिल रहे। इस संबंध में सीबीएसई के जिला समन्वयक अजीत दीक्षित ने बताया कि यह देखना होगा कि किन हालातों में प्रधानाचार्य द्वारा ऐसा किया गया। इस प्रकरण की जांच कराई जाएगी।

विद्यार्थी व अभिभावकों ने अपनी समस्याओं से अवगत कराया है। इसकी जांच कराकर छात्रों के हित में जो भी संभव होगा कराया जाएगा। - पंकज कुमार स‍िंह, सीपीआरओ, पूर्वोत्तर रेलवे।

पढ़ाई के लिए मानसिक रूप से तैयार किए जाएंगे बच्चे

केंद्रीय विद्यालयों में बच्चों को पढ़ाई के लिए मानसिक रूप से तैयार किया जाएगा। इसके लिए स्कूल रेडिनेस कार्यक्रम चलाया जाएगा। 21 दिनों तक इस अभियान के अंतर्गत नवागत बच्चों के साथ-साथ उनके अभिभावकों को न सिर्फ स्कूल के बारे में जानकारी दी जाएगी बल्कि उन्हें शिक्षकों और पठन-पाठन के माहौल से सामंजस्य बनाने के काबिल बनाया जाएगा। ताकि बच्चा विद्यालय आने के लिए मानसिक रूप से तैयार हो सके। अभी तक यह कार्यक्रम एक सप्ताह का तक चलाया जाता था। अब इसका दायरा बढ़ाकर 21 दिन कर दिया गया है।

कार्यक्रम के तहत प्रत्येक सप्ताह बच्चे का मूल्यांकन किया जाता है। इस दौरान यह देखा जाता है कि सप्ताह बाद उसके सीखने की क्षमता में कितना अंतर या बदलाव आया है। 

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