गोरखपुर में सपा के ट्रैक्‍टर जुलूस को प्रशासन ने रोका, कार्यकर्ताओं से नोकझोंक Gorakhpur News

समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष का कहना है कि भाजपा सरकार मौलिक अधिकारों का हनन कर रहीं हैं और राष्ट्रीय ध्वज का अपमान कर रही है। जिलाध्यक्ष ने कहा कि किसानों के समर्थन में निकाले जा रहे जुलूस प्रदर्शन को प्रशासन ने जबरिया रोका।

By Satish chand shuklaEdited By: Publish:Wed, 27 Jan 2021 12:22 PM (IST) Updated:Wed, 27 Jan 2021 02:34 PM (IST)
गोरखपुर में सपा के ट्रैक्‍टर जुलूस को प्रशासन ने रोका, कार्यकर्ताओं से नोकझोंक Gorakhpur News
गोरखपुर में जुलूस निकालते समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता।

गोरखपुर, जेएनएन। समाजवादी पार्टी के जिलाध्‍यक्ष राम नगीना साहनी का कहना है कि कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय से जब ट्रैक्टर जुलूस निकालने की शुरुआत की तो उसके पहले ही जिला प्रशासन ने सभी ट्रैक्टरों को सीज कर दिया। इसके बाद समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता पार्टी कार्यालय से सदर तहसील जा रहे थे। रास्ते में महेवा मंडी पहुंचे और वहां पर रखे ट्रैक्टरों में सवार हो गए, लेकिन पुलिस ने इनको यहां पर भी घेर लिया। इस दौरान पुलिस और समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच नोकझोंक हुई।

समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष का कहना है कि भाजपा सरकार मौलिक अधिकारों का हनन कर रहीं हैं और राष्ट्रीय ध्वज का अपमान कर रही है। जिलाध्यक्ष ने कहा कि किसानों के समर्थन में निकाले जा रहे जुलूस प्रदर्शन को प्रशासन ने जबरिया रोका। 26 जनवरी के दिन जब तमाम कार्यक्रम होते हैं और हजारों लोगों की भीड़ जुटती है तो धारा 144 सिर्फ समाजवादी पार्टी के कार्यक्रमों के लिए ही क्यों लगाया जाता है।

जुलूस प्रदर्शन रोकने के बाद जिलाध्यक्ष नगीना प्रसाद साहनी जिला महासचिव अखिलेश यादव पूर्व विधायक विजय बहादुर यादव, युवजन सभा के जिला अध्यक्ष राहुल यादव, महिला सभा की जिला अध्यक्ष बिंदा देवी, राम ललित यादव, बेबी मौर्या, दुईजा देवी सहित दर्जनों नेताओं ने सदर तहसील पहुंचकर राष्ट्रीय ध्वज को प्रणाम किया। जिलाध्यक्ष ने कहा कि भाजपा की गलतनीतियों के चलते देश का किसान दुखी है। खेती और फसलों पर बड़े उद्योग घरानों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों की नज़र है।

सभी कृषियंत्र महंगे

खेती में प्रयोग होने वाले सभी कृषि यंत्र, खाद, बीज, रसायन, डीजल, बिजली मंहगी है। किसान को उत्पादन की लागत भी नहीं मिल रही है। एमएसपी की अनिवार्यता और तीन कृषि कानूनों को रद किये जाने की उचित मांग भी केन्द्र सरकार नहीं मान रही है। भाजपा सरकार किसानों की नाकाबंदी कर रही है। एक दिन ऐसा आएगा जब किसान ही भाजपा की नाकाबंदी कर देंगे। किसानों की आवाज को कुचलने के लिए साजिशें की जा रही है। प्रशासन का यह रवैया असंवैधानिक है क्योंकि किसानों के प्रदर्शन के अधिकार को तो सर्वोच्च न्यायालय ने भी माना है।

गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली में प्रशासन का अवरोध पैदा करना अलोकतांत्रिक भी है। भाजपा नए कृषि कानूनों को लेकर हठधर्मिता पर उतर आई है। इन कानूनों से किसान बंधुआ मजदूर बन जाएगा। उसकी फसल के साथ जमीन पर भी संकट बढ़ गया है। अपने अस्तित्व के लिए प्रचंड शीतलहर में भी संघर्षशील है। निवर्तमान महानगर अध्यक्ष जियाउल इस्लाम ने कहा कि भाजपा सरकार ने किसानों को लगातार धोखा देने का काम किया है। किसान की कर्जमाफी, आय दोगनी करने और लागत का ड्योढ़ा मूल्य देने के वादे धोखा साबित हुए है। किसान को धान, गेहूं और सरसों की कीमत कहां मिली है? भाजपा राज में किसान पूरी तरह उपेक्षित रहा है। उनके नाम पर शुरू कथित योजनाएं केवल बिचौलियों को लाभ देने वाली रही है। किसान तो शोषण का शिकार ही हुआ है। किसान को खुले बाजार में बिचौलियों की दया पर छोड़ने की साजिशें हो रही है 

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