कुशीनगर यात्रा की संभावना तलाशने पहुंचे थाई भिक्षु
कुशीनगर में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद जगी है कोरोना काल में दो वर्ष से विदेशी पर्यटकों का आना ठप सा हो गया है यहां पहुंचे बौद्ध भिक्षुओं ने स्थिति का आंकलन किया स्थानीय लोगों ने दल का स्वागत किया यह दल थाईलैंड की सरकार को रिपोर्ट देगा।
कुशीनगर: कोरोना संक्रमण की वजह से कुशीनगर में ठप पड़े पर्यटन व्यवसाय को गति देने के लिहाज से मंगलवार का दिन खास रहा। दो वर्ष बाद बुद्धनगरी कुशीनगर की यात्रा की संभावना तलाशने थाई बौद्ध भिक्षुओं का तीन सदस्यीय दल यहां पहुंचा। दल ने अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थली का भ्रमण कर स्थिति की जानकारी ली, समीक्षा की। बौद्ध भिक्षु अपनी रिपोर्ट थाईलैंड सरकार को देंगे।
लगभग दो वर्ष पूर्व 22 मार्च 2019 को कोरोना संक्रमण के कारण प्रतिबंध लगने के बाद कोई भी बौद्ध भिक्षु बौद्ध देशों से नहीं आया है। बुद्ध नगरी आने पर थाई भिक्षुओं का महापरिनिर्वाण मंदिर के सामने माला पहनाकर व अंगवस्त्र देकर स्थानीय लोगों ने स्वागत किया। दल का नेतृत्व कर रहे फ्रा सोमपोंग ने बताया कि बैंकाक एयरवेज की फ्लाइट से वह दिल्ली आए हैं। वहां कोरोना टेस्ट की औपचारिकता पूर्ण करने के बाद गोरखपुर एयरपोर्ट आने की अनुमति मिली है। गोरखपुर से सड़क मार्ग से कुशीनगर पहुंचे हैं। बौद्ध भिक्षुओं ने मंदिरों व बौद्ध विहारों में पूजन-वंदन किया। बताया कि विश्व शांति व कोरोना समाप्ति के लिए रत्तनसूत्र का पाठ किया जाएगा। वे कुशीनगर एयरपोर्ट का निरीक्षण करने भी जाएंगे। थाई मोनास्ट्री में रात्रि विश्राम के बाद दल के सदस्य पुन: बैंकाक लौट जाएंगे। थाई बौद्ध भिक्षुओं ने बताया कि थाईलैंड सरकार कुशीनगर से सीधी उड़ान के लिए भारत सरकार से बातचीत कर रही है। अनुमति मिलते ही बैंकाक से थाई एयरवेज की कुशीनगर तक की सेवा शुरू हो जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि यहां कोरोना संक्रमण नहीं है। विश्व के अन्य देशों से यहां स्थिति बेहतर है। हम अपनी रिपोर्ट और सुझाव थाईलैंड सरकार को प्रस्तुत करेंगे। उनके साथ फ्रा रंगसित व फ्रा सोंगक्रान भी रहे।