Coronavirus in Gorakhpur: गांवों में दवा पहुंचाएंगे तहसील एवं पंचायती राज विभाग के कर्मचारी, दवा के 30 हजार पैकेट तैयार

जिले में होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों तक सुविधाएं पहुंचाने के लिए आरआरटी गठित की गई है। जिले में 44 आरआरटी काम कर रही है जिसके कारण समय से सभी मरीजों के घर पहुंच पाना संभव नहीं होता।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 02:49 PM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 02:49 PM (IST)
Coronavirus in Gorakhpur: गांवों में दवा पहुंचाएंगे तहसील एवं पंचायती राज विभाग के कर्मचारी, दवा के 30 हजार पैकेट तैयार
दवा के संबंध में फाइल फोटो, जेएनएन।

गोरखपुर, जेएनएन। ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के लक्षण वाले लोगों की बढ़ती संख्या के बीच जिला प्रशासन ने सर्दी, जुखाम व बुखार से पीडि़त हर व्यक्ति तक कोरोना की दवा का किट पहुंचाने की व्यवस्था की है। रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) की सीमित संख्या को देखते हुए इस कार्य में तहसील कर्मियों के साथ ही पंचायती राज विभाग के सफाई कर्मियों की भी ड्यूटी लगाई गई है। दो दिनों में दवा के करीब 30 हजार पैकेट तैयार किए गए हैं। प्रशासन का मानना है कि शुरूआती लक्षण मिलने पर ही दवा खाने से बहुत हद तक स्थिति नियंत्रित हो जाती है और मरीज को अस्पताल नहीं आना पड़ता।

होम आइसोलेट मरीजों के लिए गठित है टीम

जिले में होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों तक सुविधाएं पहुंचाने के लिए आरआरटी गठित की गई है। जिले में 44 आरआरटी काम कर रही है, जिसके कारण समय से सभी मरीजों के घर पहुंच पाना संभव नहीं होता। कई स्थानों से दवाएं समय से न पहुंचने की शिकायत भी आई। जिसके बाद दवा पहुंचाने वाले कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने पर विचार किया गया। सबसे पहले सदर तहसील में यह प्रक्रिया शुरू हुई। पिछली बार सामुदायिक किचन में कार्यरत रहे कर्मचारियों को मेडिकल किट तैयार करने व वितरण की जिम्मेदारी दी गई। इसकी निगरानी तहसील सदर डा. संजीव दीक्षित द्वारा की जा रही थी।

सदर तहसील में 15 कर्मचारियों की लगी ड्यूटी

जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला पंचायत राज अधिकारी ने भी अपने विभाग के मैन पावर का प्रयोग करते हुए दवा पैक कराने व वितरित कराने के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है। जिला पंचायत राज अधिकारी हिमांशु शेखर सिंह ने बताया कि सदर तहसील में 15 कर्मचारी लगाए गए हैं। गांवों में निगरानी समितियों को भी दवा वितरण में लगाया जाएगा। आक्सीजन की मारामारी कम होने के बाद तहसील कर्मियों को भी इस काम में लगाया गया है। मेडिकल किट में एजिथ्रोमाइसीन, आइवरमैक्टीन, विटामिन सी, जिंक व पैरासीटामाल दवाओं को शामिल किया गया है। इसके साथ ही एक प्रिंटेड पर्ची भी रहेगी, जिसपर यह अंकित होगा कि कब कौन सी दवा खानी है। गांवों में निगरानी समितियों के जरिए ये दवाएं पहुंचाई जाएंगी।

इसलिए जरूरी है दवा खाना

गांवों से कोरोना के लक्षण वाले लोगों की संख्या बढऩे के मामले सामने आ रहे हैं। प्रशासन का कहना है कि शुरूआती दिनों में यह दवा खा लेने से स्थिति गंभीर होने से बच जाएगी। दवा का कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है। जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन का कहना है कि गांव में कोरोना के लक्षण वाले हर व्यक्ति तक मेडिकल किट पहुंचाया जाएगा। पंचायती राज विभाग एवं तहसील कर्मियों के सहयोग से 30 हजार मेडिकल किट तैयार की जा रही है। जिसे भी बुखार या सर्दी होगी, उसे दवा दी जाएगी। लोगों से अपील है कि वे समय से दवा जरूर खाएं, इससे फायदा होगा। कोई साइड इफेक्ट नहीं है।

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