फर्जी डिग्री पर नौकरी करने वाले शिक्षकों पर कसा जाएगा शिकंजा, अभिलेखों की शुरू हुई जांच Gorakhpur News
शासन ने माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के अंकपत्रों व प्रमाणपत्रों का नए सिरे से सत्यापन किए जाने का निर्देश दिया है। फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी करने वाले शिक्षकों का शिकंजा कसने के लिए शासन ने यह कदम उठाया है।
गोरखपुर, जेएनएन : शासन ने माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के अंकपत्रों व प्रमाणपत्रों का नए सिरे से सत्यापन किए जाने का निर्देश दिया है। फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी करने वाले शिक्षकों का शिकंजा कसने के लिए शासन ने यह कदम उठाया है। जनपद की बात करें तो यहां 117 एडेड व 31 संस्कृत स्कूलों में तैनात शिक्षकों के अंकपत्रों का सत्यापन होना है।
डीआइओएस कार्यालय ने सत्यापन के लिए भेज दिए अंक पत्र
डीआइओएस कार्यालय ने अंकपत्रों को सत्यापन के लिए संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय समेत अन्य विश्वविद्यालयों को भेज दिए हैं। हालांकि इस समय कोरोना के कारण विश्वविद्यालयों के बंद रहने से सत्यापन कार्य प्रभावित हुआ है।
कई जनपदों में फर्जी डिग्री पर नौकरी कर रहे शिक्षक
प्रदेश के विभिन्न जनपदों के माध्यमिक विद्यालयों में अभी भी तमाम शिक्षक फर्जी डिग्री पर नौकरी कर रहे हैं। इस मामले में पूर्व में जांच कर एसआइटी भी अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप चुकी है। इसी को देखते हुए शासन ने एक बार फिर नए सिरे से शैक्षिक प्रमाणपत्रों का सत्यापन कराने का फैसला किया है।
इन अंकपत्रों का हो रहा सत्यापन
संपूर्णानंद विश्वविद्यालय अथवा उससे संबद्ध महाविद्यालयों व अन्य विश्वविद्यालयों से डिग्री के आधार पर माध्यमिक विद्यालय में नौकरी करने वाले शिक्षकों के अंकपत्रों व प्रमाणपत्रों की जांच होनी है। इनमें हाईस्कूल, इंटर, स्नातक, पूर्व मध्यमा, उच्चतर मध्यमा, शास्त्री एवं शिक्षा शास्त्री आदि की डिग्री शामिल हैं।
जो विवि मांग रहे सत्यापन शुल्क, उन्हें शुल्क भेजा जा रहा डीडी के माध्यम से
प्रभारी डीआइओएस आरएन भारती ने कहा कि शासन के निर्देश पर जिले के 117 एडेड व 31 संस्कृत विद्यालय के लगभग 48 सौ शिक्षकाें के अंकपत्र संबंधित विश्वविद्यालयों को सत्यापन के लिए भेज दिए गए हैं। जाे विश्वविद्यालय सत्यापन के लिए शुल्क मांग रहे हैं, उन्हें सत्यापन शुल्क भी डीडी के माध्यम से भेजा जा रहा है ताकि सत्यापन की प्रक्रिया जल्द सें जल्द पूरी हो सके।