प्रशिक्षण के जरिये बच्चों के बौद्धिक विकास का गुर सीखेंगे शिक्षक Gorakhpur News

सीबीएसई व आइसीएसई बोर्ड में कक्षा एक से आठवीं तक के बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षकों को भी तीन महीने का निष्ठा कोर्स करना होगा। इसके जरिये शिक्षक बच्चों के बौद्धिक विकास का गुर सीखेंगे। पढ़ाने की नई तकनीक से परिचित होंगे।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 25 Nov 2020 06:10 AM (IST) Updated:Wed, 25 Nov 2020 06:10 AM (IST)
प्रशिक्षण के जरिये बच्चों के बौद्धिक विकास का गुर सीखेंगे शिक्षक  Gorakhpur News
बच्‍चों के बौद्ध‍िक विकास का गुर सीखेंगे शिक्षक। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। यूपी बोर्ड की तर्ज पर अब सीबीएसई व आइसीएसई बोर्ड में कक्षा एक से आठवीं तक के बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षकों को भी तीन महीने का निष्ठा कोर्स करना होगा। इसके जरिये शिक्षक बच्चों के बौद्धिक विकास का गुर सीखेंगे। पढ़ाने की नई तकनीक से परिचित होंगे। साथ ही यह प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद शिक्षक अपने शिक्षण को और अधिक प्रभावी बना सकेंगे। प्रशिक्षण को लेकर बोर्ड ने स्कूलों को निर्देश दे दिए हैं। सभी स्कूलों के कक्षा एक से आठ तक के शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण देने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय निष्ठा योजना 2020 लांच की है, जिसमें किताबों की बजाय बच्चों की बौद्धिक विकास पर अधिक जोर रहेगा। यही नहीं शिक्षक बच्चों की सोच को कैसे प्रोत्साहित करें या बढ़ावा दें प्रशिक्षण में उन्हें इसके गुर बताएं जाएंगे। योजना के तहत एक शिक्षक का प्रशिक्षण तीन से चार घंटे होगा। हर कोर्स में वीडियो स्टडी कटेंट, प्रैक्टिकल, खुद का परीक्षण और क्विज समाहित रहेगा। कुल 18 कोर्स को तीन माह में पूरा करना होगा।

प्रशिक्षण में इन पर रहेगा विशेष जोर

शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के दौरान कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विशेष जोर रहेगा। इनमें व्यक्तिगत सामाजिक गुण को उभारना, ध्यान केंद्रित करने और अपने को स्वस्थ्य रखने के लिए योग, पुस्तकालय, इको क्लब, किचन गार्डेन आदि के बारे में जानकारी, पर्यावरण संबंधी जानकारी, योग्यता आधारित शिक्षा और परीक्षण तथा प्री-स्कूल व पूर्ण व्यावसायिक शिक्षा आदि शामिल होंगे।

बोर्ड ने की पहल

सीबीएसई के जिला समन्वयक अजीत दीक्षित ने कहा कि शिक्षक बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे सकें तथा उनकी पढ़ाई गई बातें छात्रों को आसानी से समझ में आ सके इसी के मद्देनजर बोर्ड द्वारा यह पहल की गई है। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद शिक्षक छात्रों को पहले की अपेक्षा अपने शिक्षण को और प्रभावी बना सकेंगे।

एमएमएमयूटी में प्रतिभूति के बाजार पर हुआ मंथन

मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मानविकी और प्रबंधन विभाग की ओर से मंगलवार को ’प्रतिभूति के बाजार में परिचय’ विषय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान प्रतिभूति के बाजार उसकी बारीकियों पर विद्वानों ने गंभीर मंथन किया।

संगोष्ठी में अतिथियों का स्वागत करते हुए विभाग के अध्यक्ष डा. सुधीर नारायण सिंह ने सबसे पहले विषय के औचित्य पर प्रकाश डाला। उसके बाद कुलपति प्रो. जेपी पांडेय ने अपने संबोधन में विषय को प्रासंगिक बताते हुए लोगों से विचार प्रस्तुत करने का आग्रह किया। कुलपति के आमंत्रण को स्वीकार करते हुए सेबी लखनऊ की एजीएम सुप्रिया काबरा, एनएसडीएल दिल्ली की प्रबंधक हिमानी लाठ और एनएसई दिल्ली के उप प्रबंधक निशांत श्रीवास्तव ने बारी-बारी से प्रतिभूति के बाजार के कारकों की जानकारी दी। अंत में प्रश्नोत्तरी सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों की प्रतिभूति की जानकारी से जुड़ी जिज्ञासा शांत की गई।

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