शिक्षक संघ की मांग, चुनाव ड्यूटी में जान गंवाने वाले शिक्षक को मिले 20 लाख का मुआवजा Gorakhpur News

जिला मंत्री श्याम नारायण सिंह ने गांधी इंटर कालेज हरपुर बुदहट के अध्यापक स्व.रामेश्वर के परिजनों को सरकार से 20 लाख का मुआवजेे की माग की है। साथ ही एआरओ पद पर योगदान देने वाले शिक्षकों को भी जल्द से जल्द मानदेय का भुगतान करने की मांग की है।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 05:11 PM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 05:11 PM (IST)
शिक्षक संघ की मांग, चुनाव ड्यूटी में जान गंवाने वाले शिक्षक को मिले 20 लाख का मुआवजा Gorakhpur News
शिक्षकों की मांग के संबंध में प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो, जेएनएन।

गोरखपुर, जेएनएन। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (शर्मा गुट) ने वर्चुअल बैठक कर कोरोना से शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के निधन पर शोक जताया। अध्यक्ष डा.दिग्विजयनाथ पांडेय ने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान संक्रमण से प्राण गंवाने वाले गांधी इंटर कालेज हरपुर बुदहट के अध्यापक स्व.रामेश्वर के परिजनों को सरकार 20 लाख का मुआवजा दे। जिला मंत्री श्याम नारायण सिंह  ने कहा कि जिन शिक्षक साथियों ने एआरओ पद पर योगदान दिया है। उन्हें भी जल्द से जल्द मानदेय का भुगतान किया जाए।

वर्चुअल बैठक में अयोध्या राय, उमेश शाही, सुनील राय, बालेश्वर राय, बागीश सिंह जितेंद्र सिंह, अविनाश मिश्रा, दुर्गेश मिश्रा, नवनीत राय, शैलेंद्र प्रताप सिंह, डा.अरविंद चौरसिया, डा.अर्चना भदौरिया, उर्मिला यादव, डा.पीयूष श्रीवास्तव, शुभ नारायण राय, डा.संजय सिंह, पीयूष मिश्रा, सदानंद वर्मा, देवनाथ राय, शैलेंद्र पाठक, राजेश कुमार तथा राकेश कुमार आदि मौजूद रहे।

नियमों की पेचीदगी में उलझा अधिवक्ताओं में सहायता राशि का वितरण

कोरोना संक्रमण में अधिवक्ताओं को देने के लिए प्रदेश बार काउंसिल से आवंटित धनराशि का वितरण नियमों की पेचीदगी में उलझ गया है। कई अधिवक्ता संगठनों ने नियमों में ढील देकर पात्र अधिवक्ताओं में इस धनराशि का वितरण करने की मांग की है। अभी तक 70 अधिवक्ताओं ने सहायता राशि के लिए आवेदन किया है।

प्रदेश बार काउंसिल के सदस्य मधुसूदन त्रिपाठी ने 23 अक्टूबर 2020 को बार एसोसिएशन सभागार में अधिवक्ताओं की मदद के लिए स्वीकृत 29 लाख 19 हजार रुपये का चेक अधिवक्ता संगठनों के पदाधिकारियों को सौंपा था। प्रदेश बार काउंसिल ने इस धनराशि से मदद पाने के लिए पात्रता भी निर्धारित की है। ढाई लाख से अधिक वार्षिक आय, चार पहिया वाहन धारक, शहरी क्षेत्र में मकान और दो एकड़ से अधिक जमीन के मालिक अधिवक्ताओं को मदद के लिए अपात्र माना गया है। अपात्र होने के बाद भी मदद लेने पर बार काउंसिल ने कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। नियमों की सख्ती की वजह से छह माह बाद भी इस धनराशि का वितरण नहीं हो पाया है। इसको लेकर अधिवक्ताओं में रोष व्याप्त है। अधिवक्ता संगठनों से नियमों को शिथिल कर धनराशि का वितरण करने की मांग की है। अधिवक्ता संगठनों की मांग पर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भानु प्रताप पांडेय ने स्वीकार किया है कि नियमों की कड़ाई की वजह से धनराशि का वितरण नहीं हो पा रहा है। हालांकि प्रदेश बार काउंसिल के सदस्य मधुसूदन त्रिपाठी बताते हैं कि धनराशि का वितरण करने के नियमों में ढिलाई दी गई है। सभी सार्टिफिकेट आफ प्रैक्टिस धारक अधिवक्ताओं में इस धनराशि का समान रूप से वितरण करने का निर्देश दिया गया है। कई जिलों में इस धनराशि का वितरण हो भी चुका है, लेकिन यहां स्थानीय एसोसिएशन के रुचि न लेने की वजह से धनराशि का वितरण नहीं हो पा रहा है।

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