देवरिया में शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर किया विरोध, दी चेतावनी

जिला महामंत्री नंदलाल ने कहा कि शिक्षकों की समस्याओं को लेकर बीएसए से लेकर मुख्यमंत्री तक को लगातार पत्राचार किया जा रहा है। पुरानी पेंशन बहाली की मांग लंबे समय से की जा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 04:40 AM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 04:40 AM (IST)
देवरिया में शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर किया विरोध, दी चेतावनी
देवरिया में शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर किया विरोध, दी चेतावनी

देवरिया: उप्र जूनियर हाईस्कूल (पूर्व माध्यमिक) शिक्षक संघ ने वार्षिक गोपनीय आख्या सेवा नियमावली के चौदह पैरामीटर लागू करने का विरोध तेज कर दिया है। जूनियर शिक्षकों ने बुधवार को काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। जिलाध्यक्ष विनोद कुमार सिंह ने कहा कि शासन ने शिक्षकों के वार्षिक गोपनीय आख्या सेवा नियमावली के चौदह पैरा मीटर तय किए हैं। ऐसे दमनकारी नीति से शिक्षकों के मान-सम्मान व अधिकार का हनन हो रहा है।

जिला महामंत्री नंदलाल ने कहा कि शिक्षकों की समस्याओं को लेकर बीएसए से लेकर मुख्यमंत्री तक को लगातार पत्राचार किया जा रहा है। पुरानी पेंशन बहाली की मांग लंबे समय से की जा रही है। दिसंबर 2008 के बाद पदोन्नति पर 17140 व 18150 का लाभ दिए जाने की मांग की जा रही है। बेसिक शिक्षकों को ईएल सुविधा देने, शिक्षामित्रों व अनुदेशकों का मानदेय कम से कम 25 हजार रुपये करने, स्थानांतरण की सुविधा देने, कैशलेस चिकित्सा सुविधा देने की मांग की जा रही है। सरकार का कोई सकारात्मक रुख नहीं दिख रहा है। लंबित शिक्षकों की समस्याओं का निस्तारण शीघ्र नहीं किया गया तो प्रदेश के नेतृत्व के आह्वान पर शिक्षक बड़ा आंदोलन करने को बाध्य होंगे। सभी ब्लाकों में आंदोलन पांच मार्च तक चलेगा। विरोध करने वालों में कृपा नारायण सिंह, अशोक सिंह, श्यामदेव यादव, बालेंदु मिश्र, ओमप्रकाश कुशवाहा, ज्ञानप्रकाश, नरेंद्र सिंह, आनंद श्रीवास्तव, राकेश कुमार, उमेश कुमार, अमरनाथ वर्मा, सुनील त्रिपाठी, हेमंत शुक्ला, रामाजी यादव, इंद्रसेन गुप्ता, संजय सिंह, विजय पति त्रिपाठी, रामनिवास सिंह, अनिल सिंह आदि मौजूद रहे। शिक्षा सेवा अधिकरण बिल का जताया विरोध

देवरिया: उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ ठकुराई गुट की बैठक खरजरवा रोड स्थित कार्यालय में बुधवार को हुई, जिसमें शिक्षा सेवा अधिकरण बिल को लेकर विरोध जताया गया। प्रदेशीय उपाध्यक्ष रमेश ने कहा कि यह बिल शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के डेथ वारंट साबित होगा। इससे त्वरित न्याय की उम्मीद नहीं की जा सकती। इससे शिक्षकों का शोषण होगा। बैठक में जिलाध्यक्ष कैप्टन जितेंद्र सिंह, श्रीकांत यादव, शिवानंद नायक, शिव नारायण यादव, ओमेंद्र सिंह, कस्तूरी पाठक, राम अशीष यादव, रविद्र यादव, जयराम यादव आदि मौजूद रहे।

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