स्कूलों में तालाबंदी कर शिक्षकों ने भरी हुंकार, शिक्षक व शिक्षा विरोधी आदेश निर्गत करने का आरोप Gorakhpur News

वक्‍ताओं ने कहा कि शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम तथा इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम के अंतर्गत धारा- 21 धारा 16 जी-3 की सुरक्षा व्यवस्था समाप्त की जा रही है।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Tue, 21 Jan 2020 09:00 PM (IST) Updated:Tue, 21 Jan 2020 09:00 PM (IST)
स्कूलों में तालाबंदी कर शिक्षकों ने भरी हुंकार, शिक्षक व शिक्षा विरोधी आदेश निर्गत करने का आरोप Gorakhpur News
स्कूलों में तालाबंदी कर शिक्षकों ने भरी हुंकार, शिक्षक व शिक्षा विरोधी आदेश निर्गत करने का आरोप Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ के आह्वान पर जनपद के शिक्षकों ने मंगलवार को विद्यालयों में तालाबंदी कर बीएसए कार्यालय पर धरना दिया। शिक्षकों ने प्रदेश सरकार पर शिक्षा व शिक्षक विरोधी आदेश निर्गत करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब तक मांगें पूरी नहीं होती, हम इसी तरह आंदोलन करते रहेंगे। धरने के पश्चात शिक्षकों ने मुख्यमंत्री को संबोधित मांग-पत्र जिलाधिकारी को सौंपा।

अधिकारों से किया जा वंचित

धरने को संबोधित करते हुए महासंघ के अध्यक्ष भक्तराज राम त्रिपाठी ने कहा कि वर्तमान सरकार के लगभग 3 वर्ष के कार्यकाल में बेसिक शिक्षा अधिकारियों द्वारा निरंतर शिक्षक विरोधी आदेश निर्गत किए जा रहे हैं, जो शिक्षकों की सेवा शर्तों पर कुठाराघात है। अधिकारी शिक्षकों को अपमानित करने का भी कार्य कर रहे हैं, जिसे संगठन अब बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि प्राथमिक से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक के शिक्षक व अन्य कर्मचारियों को सेवा सुरक्षा से वंचित किया जा रहा है।

सुरक्षा व्‍यवस्‍था भी हो रही समाप्‍त

वक्‍ताओं ने कहा कि शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम तथा इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम के अंतर्गत धारा- 21 धारा 16 जी-3 की सुरक्षा व्यवस्था समाप्त की जा रही है। वर्तमान धारा-18 दंड के लिए सकारात्मक शब्दावली से प्रारंभ होती है। इस धारा द्वारा दंड व्यवस्था किसी भी स्थिति में स्वीकार करना शिक्षकों के लिए आत्मघाती कदम होगा।

ये हैं प्रमुख मांगें

महासंघ के संयोजक डॉ. दिग्विजयनाथ पांडेय ने कहा कि पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करना, परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में न्यूनतम पांच सहायक अध्यापक व एक प्रधानाध्यापक की नियुक्ति करना, विद्यालय में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना, प्रदेश के शिक्षकों की न्यूनतम वेतन विसंगति को दूर करना, सेवाकाल  में मृत शिक्षकों के आश्रितों को पूर्व की भांति शिक्षक पद पर नियुक्ति देना तथा प्रत्येक विद्यालय पर शिक्षकों को उनके वेतनक्रम के आधार पर आवासीय सुविधा उपलब्ध कराना संगठन की प्रमुख मांगे हैं। धरने में प्रमुकग रूप से पवन सिंह, डॉ.एसएन शर्मा डॉ.केडी त्रिपाठी, राजेश मिश्रा, देवनाथ राय, सुधांशु मोहन सिंह तथा श्रीधर मिश्र समेत तमाम शिक्षक  व शिक्षक नेता मौजूद रहे।

खुले रहे कई विद्यालय, हुआ पठन-पाठन

शिक्षकों के तालाबंदी के आह्वान के बावजूद भी शहर के कई विद्यालय खुले रहे और उन्हें पठन-पाठन कार्य हुआ। इन विद्यालयों में बनकटीचक  प्राथमिक विद्यालय व नॉर्मल परिसर स्थित प्राथमिक विद्यालय शामिल हैं। यहां मौजूद शिक्षकों ने बताया कि उन्हें आंदोलन की कोई जानकारी नहीं थी। अभी-अभी जानकारी मिली है। बच्चों को खाना खिलाने के बाद हमलोग धरने में शामिल होने जाएंगे।

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