सुस्त हो गई शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़ा की विवेचना

देवरिया में आठ माह से एक कदम भी आगे नहीं बढ़ी पुलिस की जांच।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 07:00 AM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 07:00 AM (IST)
सुस्त हो गई शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़ा की विवेचना
सुस्त हो गई शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़ा की विवेचना

देवरिया, जेएनएन। डीजीपी का मुकदमो के निस्तारण पर जोर है, लेकिन पुलिस की विवेचना अपनी ही गति से चल रही है। शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़ा के मामले में देवरिया सदर कोतवाली में एसटीएफ ने मुकदमा दर्ज कराया है। इसकी जांच कर रही कोतवाली पुलिस की विवेचना आठ महीने से एक कदम भी आगे नहीं बढ़ी है। इसके साथ ही प्रकाश में आए चार फर्जी शिक्षकों की गिरफ्तारी में भी पुलिस दिलचस्पी नहीं दिखा रही है।

जुलाई 2019 में एसटीएफ ने कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया। मामले की विवेचना तत्कालीन वरिष्ठ उप निरीक्षक मनोज कुमार ने शुरू की। जांच में चार और शिक्षकों के नाम प्रकाश में आए। इनमें कुछ बलिया जनपद के निवासी है। मनोज कुमार के स्थानान्तरण के बाद विवेचना कोतवाली के वरिष्ठ उप निरीक्षक अवधेश मिश्र को मिली लेकिन वह आठ महीने में एक पर्चा तक नहीं काट सके। अब इसकी विवेचना कोतवाली के वरिष्ठ उप निरीक्षक दीपक कुमार को सौंपी गई है।

यह है पूरा मामला

एसटीएफ ने सदर कोतवाली के दानोपुर से फर्जीवाड़ा के मास्टर माइंड अश्वनी कुमार श्रीवास्तव निवासी बरडीहा थाना खुखुंदू व मुक्तिनाथ निवासी दानोपुर को गिरफ्तार कर 19 जुलाई 2019 को जेल भेजा। इनके पास से फर्जी अंक पत्र व अन्य प्रमाण पत्र भी बरामद किए गए थे। एसटीएफ ने मुकदमा दर्ज किया और बीएसए कार्यालय के कुछ कर्मचारियों पर भी शक जताया। न तो बीएसए कार्यालय की तरफ पुलिस की जांच बढ़ी और न ही फर्जी अन्य शिक्षकों की ही गिरफ्तारी हो सकी है।

मामले की विवेचना चल रही है। प्रकाश में आए फर्जी शिक्षकों की जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी।

शिष्यपाल, एएसपी

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