Indian Railways: महज 45 सेकेंड में बुक हो गए दिल्ली, मुंबई जाने वाली 20 स्पेशल ट्रेनों के तत्काल टिकट

दिल्ली और मुंबई जाने वाली स्पेशल ट्रेनों का सामान्यतया कंफर्म टिकट नहीं मिल रहा तो लोग तत्काल की तरफ भाग रहे हैं। लेकिन यहां भी निराशा ही हाथ लग रही है। गुरुवार को गोरखपुर में केवल एक यात्री को ही कंफर्म टिक्ट मिला। दूसरा टिकट वेटिंग निकला।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 08:05 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 08:05 AM (IST)
Indian Railways: महज 45 सेकेंड में बुक हो गए दिल्ली, मुंबई जाने वाली 20 स्पेशल ट्रेनों के तत्काल टिकट
रेलवे के काउंटरों से तत्काल कन्फर्म टिकट नहीं मिल रहे हैं। - फाइल फोटो

गोरखपुर, जेएनएन। आरक्षण कार्यालय में गुरुवार को सुबह 10 बजे। वातानुकूलित तत्काल आरक्षित टिकट के लिए सभी काउंटरों पर लंबी लाइन लगी थी। बुकिंग शुरू होने के बाद सिर्फ पहला टिकट कंफर्म निकला। शेष वेटिंग हो गया।

पहला कंफर्म टिकट निकलने में 45 सेकेंड लगा और उतने समय में ही 18 जून को दिल्ली और मुंबई जाने वाली गोरखधाम, कुशीनगर और गोरखपुर-एलटीटी सहित लगभग 20 स्पेशल ट्रेनों का तत्काल टिकट बुक हो गया। कुछ लोगों वेटिंग ली। कुछ निराश हो वापस चले गए। यही स्थिति 11 बजे स्लीपर तत्काल टिकट की भी रही। लाइन में खड़े पहले व्यक्ति के हाथ ही कंफर्म टिकट आया। पीछे खड़े लोगों को वेटिंग से संतोष करना पड़ा। यह तब है जब वेटिंग टिकट पर यात्रा की मनाही है।

पलक झपकते सभी टिकट बुक हो जा रहे बुक

अब तो यह समस्या रोजाना की हो गई है। दिल्ली और मुंबई जाने वाली स्पेशल ट्रेनों का सामान्यतया कंफर्म टिकट नहीं मिल रहा तो लोग तत्काल की तरफ भाग रहे हैं। लेकिन यहां भी निराशा ही हाथ लग रही है। ट्रेनों के छूटने के 24 घंटे पहले सुबह 10 और पूर्वाह्न 11 बजे जैसे ही तत्काल टिकटों की बुकिंग शुरू हो रही, पलक झपकते सभी कंफर्म टिकट बुक हो जा रहे हैं। रेलवे के काउंटरों पर बैठे बुकिंग क्लर्क सिस्टम में जबतक एक टिकट के यात्री का नाम और पता भर रहे हैं तबतक शहर, कस्बा और गांवों में बैठे दलाल सभी तत्काल कंफर्म टिकट बुक कर दे रहे हैं। बदले में लोगों से मनमाना किराया वसूल रहे हैं।

प्रत्येक ट्रेन का 25 से 30 फीसद सीट तत्काल कोटे के लिए रहता है आरक्षित

जानकारों के अनुसार यह खेल कोई नया नहीं है। दलाल फर्जी वेबसाइटों के माध्यम से रेलवे से तेज आनलाइन टिकट बुक कर रहे हैं। बस्ती से फर्जी वेबसाइटों का मास्टर माइंड पकड़े जाने के बाद भी टिकटों के अवैध कारोबार पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर में बढ़ते संक्रमण, पंचायत चुनाव और वैवाहिक कार्यक्रमों में भाग लेने घर आए प्रवासी लौटने लगे हैं।

नियमित के बाद 100 से अधिक स्पेशल ट्रेनें चलाने पर भी दिल्ली और मुंबई जाने वाली ट्रेनों का कंफर्म टिकट नहीं मिल रहा। लोगों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। यहां जान लें कि प्रत्येक ट्रेन का 25 से 30 फीसद बर्थ और सीट तत्काल कोटे के लिए आरक्षित रहता है। तत्काल टिकट का सामान्य से लगभग 30 फीसद अधिक किराया भी लगता है। इसके बाद भी तत्काल का अकाल है।

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