बच्चों का रखें विशेष ख्याल, बरतें सावधानी
कुशीनगर के चिकित्सक ने सलाह दी है कि पांच से 18 साल तक के बचों व किशोरों पर विशेष नजर रखने की जरूरत है कोरोना का डेल्टा प्लस वेरियेंट बचों के लिए ज्यादा खतरनाक साबित हो रहा है अभी इसके केस नहीं मिलें हैं लेकिन सावधान रहने की जरूरत है।
कुशीनगर : कोरोना को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। दो जांच टीम लगाई गई हैं। इसके अलावा प्रतिदिन केंद्र पर जांच की जा रही है। शासन के निर्देश पर पांच से 18 साल तक के बच्चों व किशोरों पर विशेष नजर है। जिससे उनमें संक्रमण न फैल सके।
तमकुहीराज सीएचसी के अधीक्षक व बालरोग विशेषज्ञ डा. अभिषेक कुमार वर्मा ने बताया कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए बच्चों का सबसे अधिक ध्यान रखना है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि उन्हें कोरोनारोधी वैक्सीन नहीं लगी है। वायरस का नया वैरिएंट डेल्टा प्लस बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है। कोरोना की लहर बच्चों के लिए इसलिए भी कहर बन रही है, क्योंकि नवजात या छोटे बच्चे सांस लेने में होने वाली परेशानी नहीं बता सकते। इसके अलावा बच्चे संक्रमण पर सावधानियां नहीं बरत सकते। बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। इसलिए बच्चों के प्रति अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है, लेकिन उन्हें डराएं नहीं, ऐसा करने से बच्चों की मनोदशा पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
बच्चों में मिल सकते हैं ऐसे लक्षण
- अगर बच्चे को ज्यादा दिनों से बुखार हो।
- शरीर और पैर में लाल चकत्ते पड़ जाएं।
- होंठ लाल हो जाएं या फट जाएं।
- चेहरा नीला पड़ जाए।
- उल्टी या दस्त हो।
- बच्चे के हाथ-पैर में सूजन आ जाए। बच्चों की सुरक्षा के लिए करें यह उपाय
- बच्चे को गुब्बारा फुलाने के लिए दें। इससे फेफड़े मजबूत होंगे।
- गुनगुना पानी पीने को दें, इससे संक्रमण का खतरा कम होता है।
- बच्चों को सांस वाली एक्सरसाइज कराएं, इससे बीमारियों की रोकथाम में मदद मिलती है।
- बच्चों को खट्टे फल खाने के लिए प्रेरित करें, इससे उनकी इम्युनिटी बढ़ेगी।
- बच्चों को हल्दी वाला दूध दें, इससे वैक्टीरियल इंफेक्शन और वायरल इंफेक्शन से लड़ने में मदद मिलेगी।
- बच्चों को बार-बार हाथ धोने के लिए प्रेरित करें।