सड़क सुरक्षा, स्‍वच्‍छता, पर्यावरण व बेटियों को बचाने की सीख दे रही स्वराराक की टोली Gorakhpur News

बस्ती में बालिकाओं की एक टोली कुरीतियों से लड़ाई लड़ रही है। यह टोली सड़क सुरक्षा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ से लेकर पर्यावरण और स्वच्‍छता के प्रति लोगों को जागरूक कर रही है। सच मायने में बालिका दिवस पर इनकी लड़ाई एक मुहिम की तरह है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 24 Jan 2021 12:00 PM (IST) Updated:Sun, 24 Jan 2021 12:00 PM (IST)
सड़क सुरक्षा, स्‍वच्‍छता, पर्यावरण व बेटियों को बचाने की सीख दे रही स्वराराक की टोली  Gorakhpur News
यातायात नियमों के प्रति जागरूक करती स्वराराक टीम।

एसके सिंह, गोरखपुर : बस्ती जिले में बालिकाओं की एक टोली कुरीतियों से लड़ाई लड़ रही है। यह टोली सड़क सुरक्षा, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ से लेकर पर्यावरण और स्वच्‍छता के प्रति लोगों में जागरूकता लाने का प्रयास कर रही है। सच मायने में बालिका दिवस पर इनकी लड़ाई एक मुहिम की तरह है। पहले तो बेटियों के इस प्रयास का उपहास उड़ाया गया, लेकिन जागरूकता को लेकर इनके कदम नहीं डिगे। इनका प्रयास रंग लाया और बदलाव की बयार जोर पकड़ने लगी है। शहर में नजीर बनीं कात्यायिनी दूबे, इंटर की छात्रा हैं।

पिता अखिलेश दूबे हैं समाजसेवी

पिता महरीखांवा निवासी अखिलेश दूबे भी समाजसेवी हैं। बताया कि चार साल पहले मां के साथ सुबह सैर पर निकली तो सड़क पर चहुंओर गंदगी बिखरी मिली। यह हाल हमारे इलाके का तब था, जब पूरे देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर स्‍वच्‍छता मुहिम बन चुकी थी। एक दिन संग पढ़ने वाली सहेलियों को लेकर गली में घर- घर गए और गंदगी सड़क पर न फेंकने की अपील की। इसका असर नहीं दिखा तो बालिकाओं की टोली तैयार की और खुद गली में सफाई करनी शुरू कर दी। टोली का नाम दिया है स्वराराक। यह टोली चार साल से स्‍वच्‍छता, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के अलावा सड़क सुरक्षा, स्वच्‍छता और पौधारोपण के प्रति लोगों को जागरूक कर रही हैं।

धारावाहिक तारक मेहता के टप्‍पू सेना से हैं प्रेरित

टीवी धारावाहिक तारक मेहता के टप्पू सेना से प्रेरित कात्यायिनी की यह टोली मोहल्ले और शहर में समस्याओं का समाधान खोजने में लगी रहती है। कात्यायिनी का कहना है कि सफाई को लेकर बदलाव नहीं दिखा तो न मानने वाले लोगों को चिह्नित किया और सबक सिखाने के लिए नाटक तैयार किया। बीते नवसंवत्सर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान मोहल्ले में ही इसका मंचन किया तो गंदगी फैलाने वाले लोग उपहास के पात्र बन गए। नाटक में पात्रों का नामकरण मोहल्ले में गंदगी फैलाने वालों के सरनेम से किया गया। नगर पालिका की चेयरमैन रूपम मिश्रा भी बेटियों के इस कार्यक्रम से काफी प्रभावित हुईं। ऐसी है स्वराराक की टीम। इसमें शामिल हैं पूजा दूबे, ईशु, खुशी सिंह, वैभवी सिंह, अंजलि सिंह और ज्योति दूबे सहित दर्जनभर किशोरियां। यह सभी एक ही मोहल्‍ले में रहतीं हैं।

बदलनी होगी सोच

कात्यायिनी कहती हैं कि मोहल्ले में जहां हम रहते हैं, तमाम ऐसी समस्याओं से जूझते हैं जिसे हम और आप थोड़ा सा प्रयास कर दूर कर सकते हैं लेकिन दूसरे का काम बताकर मुुंह मोड़ लेते हैं। घर के भीतर साफ-सफाई करना दायित्व समझने वाली महिलाएं चुपके से सड़क पर कूड़ा फेंकना अपना एकाधिकार समझती हैं। इस सोच से सबको बाहर आना होगा, तभी हम प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के स्वच्‍छ भारत के सपनों को साकार कर सकते हैं। इन किशोरियों ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, पर्यावरण और जल संरक्षण को लेकर भी नाट्य मंचन किया है।

chat bot
आपका साथी