गोरखपुर विश्‍वविद्यालय में अब चार जून तक ग्रीष्मावकाश Gorakhpur News

एक महीने का यह अवकाश कोविड संक्रमण से विद्यार्थियों को सुरक्षित रखने का कार्य भी करेगा। उन्होंने कहा कि वैसे से विश्वविद्यालय में गर्मी की छुट्टियां 15 मई से 30 जून तक होती हैं लेकिन कोविड संक्रमण के मद्देनजर इसके समय से पहले कर दिया गया है।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 05 May 2021 12:31 PM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 10:13 AM (IST)
गोरखपुर विश्‍वविद्यालय में अब चार जून तक ग्रीष्मावकाश Gorakhpur News
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह का फाइल फोटो, जागरण।

गोरखपुर, जेएनएन। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रशासन ने मंगलवार को ग्रीष्मावकाश की घोषणा कर दी। पांच मई से लेकर चार जून तक एक महीने का ग्रीष्मावकाश घोषित कर दिया गया है। यह निर्णय कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने  सभी संकायाध्यक्षों, अधिकारियों, हास्टल वार्डेन और मुख्य नियंता के साथ आनलाइन बैठक के दौरान लिया।

कोविड संक्रमण से भी होगी सुरक्षा

कुलपति ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि एक महीने का यह अवकाश कोविड संक्रमण से विद्यार्थियों को सुरक्षित रखने का कार्य भी करेगा। उन्होंने कहा कि वैसे से विश्वविद्यालय में गर्मी की छुट्टियां 15 मई से 30 जून तक होती हैं लेकिन कोविड संक्रमण के मद्देनजर इसके समय से पहले कर दिया गया है। उन्होंने कहा इससे सत्र को नियमित करने में भी आसानी होगी।

अध्ययन-अध्यापन, सत्र नियमित करने पर हुई चर्चा

बैठक के दौरान कोविड महामारी के बीच अध्ययन-अध्यापन, सत्र को नियमित करने और प्रवेश परीक्षा सहित विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा हुई। कुलपति ने कहा कि ग्रीष्मावकाश को पहले कर दिए जाने से विद्यार्थियों का अध्ययन प्रभावित नहीं होगा। अवकाश के बाद कोर्स पूरा कराया जाएगा और परीक्षा का समय निर्धारित कर सत्र को नियमित रखने की हरसंभव कोशिश की जाएगी।

विवि उपलब्ध कराएगा टेलीमेडिसिन का लिंक

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय कोविड महामारी से बचाव व इलाज के लिए सहज रूप से चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने को टेलीमेडिसिन सेवा का लिंक उपलब्ध कराएगा। इस सेवा के तहत लोगों को 50 से अधिक डाक्टर आनलाइन उपलब्ध हो जाएंगे। लिंक तैयार करने की जिम्मेदारी कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. अजय सिंह को सौंपी है। विश्वविद्यालय की आफिशियल वेबसाइट पर यह लिंक उपलब्ध रहेगा। कुलपति ने बताया कि अपने सामाजिक दायित्व को पूरा करने के लिए विवि इस लिंक पर काम कर रहा है।

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